पाकुड़ जिले के महेशपुर प्लस टू उच्च विद्यालय में शिक्षकों के खिलाफ छात्रों ने सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया है. स्कूल के शिक्षकों के द्वारा अपनी मनमानी और पढ़ाई ठप होने को लेकर कक्षा 7 के छात्रों ने विद्यालय के सामने सड़क को जाम कर दिया है.
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Pakur: पाकुड़ जिले के महेशपुर प्लस टू उच्च विद्यालय में शिक्षकों के खिलाफ छात्रों ने सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया है. स्कूल के शिक्षकों के द्वारा अपनी मनमानी और पढ़ाई ठप होने को लेकर कक्षा 7 के छात्रों ने विद्यालय के सामने सड़क को जाम कर दिया है. इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी मौजूद थे.
विद्यालय की पढ़ाई हुई ठप
दरअसल पिछले दो दिनों से विद्यालय में पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो रखी थी. इस मामले में छात्रों ने बताया कि सभी प्रतिदिन विद्यालय शिक्षा के लिए पहुंचते हैं लेकिन विद्यालय के सभी शिक्षक कक्षाओं में उपस्थित नहीं रहते हैं. सभी शिक्षक अपने अपने निजी कामों में व्यस्त रहते हैं. वहीं , शिक्षकों से पढ़ाने के लिए कहा जाए तो वह डांट देते हैं. विद्यालय में पढ़ाई नहीं होती है. सभी शिक्षक बातों में अपना समय व्यर्थ करते हैं. जिसके कारण सभी विद्यार्थियों का भविष्य और पढ़ाई बर्बाद हो रही है.
शिक्षक अटेंड नहीं करते क्लास
सभी छात्रों का कहना है कि पहले विद्यालय में अच्छी शिक्षा दी जाती थी. साथ ही सभी शिक्षक समय पर आया करते थे. लेकिन जब से प्लस टू उच्च विद्यालय में मर्ज किया गया है तभी से विद्यालय में पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गई है. सैंकड़ों छात्रों ने अपने शिक्षा के अधिकार के लिए सड़क पर जाम लगा दिया. इसके अलावा छात्रों के साथ एबीवीपी के विश्वविद्यालय संयोजक राहुल मिश्रा भी मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि वह किसी काम से बाहर जा रहे थे. इसी दौरान उन्होंने छात्रों को विद्यालय के बाहर घूमते हुए देखा. छात्रों से पूछने पर पता चलता है कि विद्यालय में पिछले दो दिनों से पढ़ाई नहीं हो रही है. बच्चों की समस्या को सुनकर व विद्यालय के प्रधान शिक्षक कांति शर्मा से मिलकर संबंधित समस्या से अवगत कराया. परंतु विद्यालय के प्रधान शिक्षक का कहना था कि विद्यालय में शिक्षक हैं परंतु यह लोग कक्षा एक से सात तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाना नहीं चाहते हैं जिस कारण बच्चों को पढ़ाई में दिक्कत हो रही है.
शिक्षकों के खिलाफ होगी कार्रवाई
इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी मिलन कुमार घोष से पूछने पर उन्होंने बताया कि बीआरसी कार्यालय में मूल्यांकन कार्य होने के कारण कुछ शिक्षक बीआरसी में है. बाकी अन्य शिक्षक विद्यालय में मौजूद हैं. विद्यालय के पठन-पाठन की व्यवस्था विद्यालय के प्रधान शिक्षक को करनी चाहिए. पठन-पाठन के खिलाफ छात्र-छात्राएं सड़क पर उतरे यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. संबंधित शिक्षकों के खिलाफ जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
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