जीतनराम मांझी ने कहा है कि सीबीआई जानबूझ कर उनको वैंडक्टिव राजनीति के तहत पैरोल का विरोध कर रही थी. उन्होंने साथ ही कहा है कि सीबीआई के दबाब में उनका मेडिकल रिपोर्ट बदला गया है.
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पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. एक बार फिर उन्होंने ऐसा बयान दिया है जिससे बिहार में सियासत तेज हो सकती है. जीतनराम मांझी ने लालू यादव और उपेंद्र कुशवाहा दोनों को लेकर बड़ा बयान दिया है और साथ ही सीबीआई पर भी आरोप लगाया है.
दरअसल लालू यादव की जमानत अवधि नहीं बढ़ाए जाने पर जीतनराम मांझी ने कहा है कि सीबीआई जानबूझ कर वैंडक्टिव राजनीति के तहत पैरोल का विरोध कर रही थी. उन्होंने साथ ही कहा है कि सीबीआई के दबाब में उनका मेडिकल रिपोर्ट बदला गया है. डॉक्टर से जबरदस्ती रिपोर्ट बदवाया गया है. हमलोग इसका विरोध करते हैं. देश की जनता सब जानती है और 2019 में जवाब देगी.
उपेंद्र कुशवाहा के खीर वाले बयान पर भी उन्होंने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा का स्वागत है लेकिन वो दो नाव की सवारी ना करें तो बेहतर होगा. इधर बयान दे रहे हैं और उधर एनडीए में मंत्री रहे. अगर उन्हें आना है आएं वरना चले जाएं. वहीं, मुख्यमंत्री पद के सवाल पर उन्होंने एक बार फिर कहा है कि तेजस्वी यादव के लिए आरक्षित है.
उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि उनके खीर में एसटी-एससी के लिए कोई जगह नहीं था. उसपर अपनी स्थिति साफ करें. आपको बता दें कि वीपी मंडल की 100वीं जयंती पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि एक अच्छी खीर तभी बन सकती है, जब उसमें यादवों का दूध हो और कुशवाहा के चावल हों. इस बयान के जरिए उन्होंने इशारा कर दिया कि वह आने वाले चुनावों में लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ भी गठबंधन कर सकते हैं.