पटना: पूर्व मुख्यमंत्री को आजीवन आवास की सुविधा को हाईकोर्ट ने किया खत्म, 4 पूर्व CM ले रहे लाभ
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पटना: पूर्व मुख्यमंत्री को आजीवन आवास की सुविधा को हाईकोर्ट ने किया खत्म, 4 पूर्व CM ले रहे लाभ

चीफ जस्टिस ए.पी शाही की खंडपीठ ने मामले पर स्वयं संज्ञान लिया था. इस मामले सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा गया था.

नीतीश कुमार के पास 7 सर्कुलर रोड में एक बंगला था जिसे वो पहले ही खाली कर चुके हैं. (फाइल फोटो)

पटना : बिहार में पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन मिलने वाली सरकारी आवास की सुविधा को समाप्त कर दी है. चीफ जस्टिस ए.पी शाही की खंडपीठ ने मामले पर स्वयं संज्ञान लिया था और इस मामले की सुनवाई पूरी कर फैसले को सुरक्षित रखा था.

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह सुविधा असंवैधानिक है और आम जनता के पैसे का दुरुपयोग है. हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि पद से हटने के बाद इस तरह की सुविधाएं दिया जाना बिल्कुल गलत है. आपको बता दें कि फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्रियों में राबड़ी देवी, डॉ.जग्गनाथ मिश्र, जीतनराम मांझी और सतीश प्रसाद सिंह है जो इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं.

पटना हाईकोर्ट ने वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस भेजते हुए पूछा था कि उन्हें क्यों ताउम्र सरकारी आवास मिलना चाहिए. आपको बता दें कि नीतीश कुमार के पास भी पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से एक बंगला था जिसे वो पहले ही छोड़ चुके हैं. 

राबड़ी देवी फिलहाल 10 सर्कुलर रोड में अपने परिवार के साथ रहती हैं तो वहीं, डॉ. जग्गाथ मिश्र- 41, क्रांति मार्ग हार्डिंग रोड, जीतनराम मांझी 12 एम स्ट्रैंड रोड और सतीश कुमार सिंह 33/ हार्डिंग रोड में रहते हैं. 

सतीश कुमार सिंह महज पांच दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे लेकिन वो भी पिछले 40 सालों से सरकारी बंगले का लाभ ले रहे हैं. हाईकोर्ट ने पहले भी तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुरक्षा का भय है तो निजी जमीन में बंकर बनवा लें. अब देखना यह होगा कि इस मामले में तमाम राजनीतिक पार्टियां क्या रिएक्शन देती है.