बांका लोकसभा सीट : मोदी लहर के बावजूद आरजेडी ने BJP को दी थी पटखनी
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बांका लोकसभा सीट : मोदी लहर के बावजूद आरजेडी ने BJP को दी थी पटखनी

बांका लोकसभा सीट पर 1957 में पहली बार आम चुनाव हुआ था. पहली बार इस सीट पर महिला प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी. 

2014 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी की टिकट पर चुनाव लड़े थे जय प्रकाश नारायण यादव. (फाइल फोटो)

बांका : 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने जिन चार सीटों पर चुनाव जीता था, उनमें बांका भी एक है. इस चुनाव में पार्टी ने जय प्रकाश नारायण यादव को चुनावी मैदान में उतारा था. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उम्मीदवार पुतुल कुमारी को 10 हजार मतों से पराजित किया था. इसी चुनाव में सीपीआई उम्मीदवार संजय कुमार को दो लाख 20 हजार 703 मतदाताओं का समर्थन प्राप्त हुआ था और वह तीसरे स्थान पर काबिज हुए थे. 15 लाख 49 हजार 456 मतदाताओं वाले बांका सीट पर इस चुनाव में कुल आठ लाख 99 हजार 353 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.

इस चुनाव में आरजेडी सांसद जय प्रकाश नारायण यादव को दो लाख 85 हजार 150 मत मिले थे. वहीं, बीजेपी उम्मीदवार पुतुल कुमारी के खाते में दो लाख 75 हजार छह वोट आए थे.

बांका लोकसभा सीट पर 1957 में पहली बार आम चुनाव हुआ था. पहली बार इस सीट पर महिला प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस पार्टी की टिकट पर शंकुतला देवी चुनाव जीती थी. वह लगातार दो बार सांसद बनी रहीं. 1967 में हुए आम चुनाव में भारतीय जन संघ ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. 1971 में यहां फिर कांग्रेस पार्टी का कब्जा हुआ. इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए आम चुनाव में इस सीट पर भारतीय लोक दल ने जीत दर्ज की थी.

1980 से 1986 तक हुए आम चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस पार्टी की ही कब्जा रहा. 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां जनता दल ने जीत दर्ज की थी.इस चुनाव में प्रताप सिंह सांसद बने थे. इस सीट पर 1991 और 1996 में हुए लोकसभा चुनावों में भी जनता दल का ही कब्ज रहा. 1998 में यहां समता पार्टी ने जीत का परचम लहराया और दिग्विजय सिंह सांसद बने थे. उन्होंने 1999 में भी जीत दर्ज की थी.

2004 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर आरजेडी ने जीत दर्ज की थी. गिरधारी यादव सांसद बने थे. 2009 के चुनाव में दिग्विजय सिंह यहां से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़े थे और चुनाव जीते थे. उनके निधन के बाद 2010 में यहां उपचुनाव हुआ. इस चुनाव में उनकी पत्नी पुतुल कुमारी सिंह जीत दर्ज की थी. वह निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं.