नए परिसीमन में बिक्रमगंज लोकसभा सीट का नाम बदलकर काराकाट कर दिया गया था. इस सीट के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं.
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काराकाट : बिहार के काराकाट लोकसभा सीट पर 2014 के आम चुनाव में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में उन्होंने अपने निकटम प्रतिद्वंदी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के कांति सिंह को लगभग एक लाख मतों से हराया था. इस चुनाव में रालोसपा, बीजेपी के साथ गठबंधन में बिहार में लोकसभा चुनाव लड़ रही थी. इस वर्ष परिस्थिति बदली हुई है. कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग राह अपना ली है. अब वह आरजेडी नीत महागठबंधन के साथी बन चुके हैं. कुशवाहा के कद को देखते हुए संभावना जतायी जा रही है कि काराकाट सीट रालोसपा के खाते में ही जाएगी.
नए परिसीमन में बिक्रमगंज लोकसभा सीट का नाम बदलकर काराकाट कर दिया गया था. इस सीट के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं. 2009 के लोकसभा चुनाव में पूरे बिहार में नीतीश कुमार की लहर थी. इस सीट पर भी सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने कब्जा जमाया था. महाबलि सिंह सांसद बने थे.
2014 के चुनाव में यहां पर रालोसपा प्रमुख को तीन लाख 38 हजार 892 लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ. वहीं, आरजेडी कांति सिंह के खाते में कुल दो लाख 33 हजार 651 वोट पड़े. वहीं, जेडीयू उम्मीदवार महाबलि सिंह को महज 76 हजार मतों से संतोष करने पड़ा. इस सीट पर बीएसपी चौथे नंबर पर रही थी.
इस चुनाव में कुल सात लाख 89 हजार 927 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. दस हजार से अधिक लोगों ने नेटा का उपयोग किया. ज्ञात हो कि काराकाट सीट पर कुल 15 लाख 80 हजार 558 मतदाता थे.