Bihar Rajya Sabha Seats : राज्यसभा में नीतीश कुमार की पावर कम, अब इस पार्टी का खुल सकता है खाता
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Bihar Rajya Sabha Seats : राज्यसभा में नीतीश कुमार की पावर कम, अब इस पार्टी का खुल सकता है खाता

Bihar Rajya Sabha Seats : रिक्त सीटों की भर्ती के लिए चुनाव आयोग 8 फरवरी को अधिसूचना जारी करेगा और 27 फरवरी को निर्वाचन होगा. जदयू की सदस्य संख्या कम होने की वजह से उसके सदस्यों की संख्या राज्यसभा में भी कम हो रही है.

Bihar Rajya Sabha Seats : राज्यसभा में नीतीश कुमार की पावर कम, अब इस पार्टी का खुल सकता है खाता

Bihar Rajya Sabha Seats : बिहार से राज्यसभा सीटों में इस बार जदयू के सदस्यों की संख्या कम होने की संभावना है, जबकि भाजपा की संख्या बढ़ने की संभावना है. राजद और कांग्रेस की संख्या अप्रत्याशित रहेगी, लेकिन अगर भाकपा माले को भी सीट मिली तो महागठबंधन के किसी एक दल को एक सीट से हाथ धोना पड़ेगा. राज्यसभा के सदस्यों में राजद के मनोज कुमार झा और अशफाक करीम, जदयू के अनिल प्रसाद हेगड़े और बशिष्ठ नारायण सिंह, भाजपा के सुशील मोदी और कांग्रेस के डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है.

बता दें कि वर्तमान में राज्यसभा में बिहार से राजद के छह, जदयू के पांच, भाजपा के चार और कांग्रेस का एक सदस्य है. रिक्त सीटों की भर्ती के लिए चुनाव आयोग 8 फरवरी को अधिसूचना जारी करेगा और 27 फरवरी को निर्वाचन होगा. जदयू की सदस्य संख्या कम होने की वजह से उसके सदस्यों की संख्या राज्यसभा में भी कम हो रही है. इसका प्रभाव 2022 के चुनाव में भी दिखा था. राजद-भाजपा के दो-दो, जबकि जदयू का सिर्फ एक सदस्य जीता था.

भाजपा अगर अपने दावे से इसे त्याग देती है, तो जदयू को दो सीटें मिल सकती हैं. हालांकि, इसका निर्धारण करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि भाजपा को अपने अनुभवों के अनुसार जदयू के प्रति उदारता दिखाना होगा. राज्यसभा में जीत के लिए 35 विधायकों की वोटिंग की आवश्यकता होती है. जदयू, राजद और कांग्रेस के मिलाजुला वोटिंग से सदस्यता मिल सकती है, लेकिन अगर और उम्मीदवार सम्मिलित होते हैं तो चुनाव की स्थिति बन जाएगी.

इसके अलावा बता दें कि महागठबंधन में भी एक सीट के लिए खींचतान की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. भाकपा माले को राज्यसभा भेजने की मांग की जा रही है, जिससे कि महागठबंधन को संतोष दिलाया जा सके.

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