Jharkhand Politics: लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए गठबंधन ने झारखंड की 9 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं इस सीटों में में बीजेपी ने एक आदिवासी सीट नहीं जीती है. जिसके बाद इंडिया गठबंधन के लोग अब तंज कस रहे हैं.
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रांची: लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड में एनडीए गठबंधन ने भले ही 9 सीटों पर जीत हासिल की लेकिन 5 सीटों पर इंडिया गठबंधन ने बाज़ी मार ली है और यह पांच वह सीटें हैं जो भारतीय जनता पार्टी की चिंताएं बढ़ा सकती है. क्योंकि सभी आदिवासी सीटें हैं. झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के आदिवासी होने के बावजूद बीजेपी की यह शिकस्त उन्हें परेशान करना के लिए काफी है. भारतीय जनता पार्टी जहां इन सीटों पर मिली हार पर मंथन करने की बात कर रही है वहीं इंडिया गठबंधन बीजेपी पर तंज कसा रही है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के आदिवासी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव हार गए. बाबूलाल मरांडी प्रदेश अध्यक्ष थे बावजूद इसके उनकी अगुवाई में आदिवासी क्षेत्रों में सूपड़ा साफ हो गया. उनके केंद्रीय मंत्री बुरी तरीके से रिजेक्ट कर दिए गए. क्योंकि बोलना और काम करने में अंतर होता है. जनता ने सबक सिखा दिया.
आदिवासी इंडिया गठबंधन पर भरोसा करते हैं क्योंकि हम उनके लिए काम करते हैं और बीजेपी की बातें सिर्फ हवा हवाई होती हैं. सरना धर्म कोड को भी बीजेपी की केंद्र सरकार ने रोक रखा है. वह सिर्फ दिखाने के लिए आदिवासी आदिवासी करती है लेकिन धरातल पर कुछ काम नहीं है. इसीलिए आदिवासी क्षेत्रों ने पूरी तरीके से भाजपा को जानकारी दिया. महुआ मांझी ने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रणनीति के तहत जेल भेजा जाना भी उन्हें आईना दिखाने का काम किया है.
वहीं अपनी हार पर आकलन करने की बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बावरी ने कहा कि देश का भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ है. इंडिया गठबंधन ने पूरे देश भर में नेगेटिव राजनीति की और ऐसा परसेप्शन जिसका कोई ओर छोर नहीं है. उसे क्रिएट करने की कोशिश की वह सफल नहीं हुआ. लेकिन उसका कुछ नुकसान हमें उठाना पड़ा.
इनपुट- कामरान जलीली