Bihar Politics: हाजीपुर सीट के लिए पशुपति पारस और जीतनराम मांझी के बीच एक समझौता हो सकता है. इसमें से कोई भी व्यक्ति राज्यसभा का टिकट प्राप्त कर सकता है. इसके अलावा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के बारे में भी बातचीत हो रही है, जिसे लोकसभा चुनाव में कोई सीट नहीं मिली है.
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पटना: बिहार में राज्यसभा चुनाव की तैयारियों में भाजपा को कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. इस चुनाव में गठबंधन दल के साथी के साथ तालमेल स्थापित करने के लिए लोकसभा और राज्यसभा की सीटों को लेकर उनमें उलझन हो गई है. बिहार में छह सदस्य अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिनमें बिहार के लिए तीन राज्यसभा सीटें शामिल हैं.
इस समय भाजपा के पास 78 विधायक हैं और जदयू के पास 43 विधायक हैं. इस आंकड़े के आधार पर यह कहा जा रहा है कि भाजपा को राज्यसभा में दो सदस्यों की सीटें मिल सकती हैं, जबकि जदयू को एक सीट मिल सकती है. भाजपा की ओर से सूची में शामिल नामों में सुशील कुमार मोदी और विनोद तावड़े का नाम है. इसके बावजूद, एनडीए गठबंधन ने लोकसभा सीट एडजस्टमेंट के साथ राज्यसभा सीटों को भी घेरा है. इसके कारण एक नए चेहरे को राज्यसभा का टिकट मिल सकता है.
चर्चा में आने वाले नामों में पशुपति पारस और जीतनराम मांझी शामिल हैं. यह भी उचित है कि हाजीपुर सीट के लिए पशुपति पारस और जीतनराम मांझी के बीच एक समझौता हो सकता है. इसमें से कोई भी व्यक्ति राज्यसभा का टिकट प्राप्त कर सकता है. इसके अलावा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के बारे में भी बातचीत हो रही है, जिसे लोकसभा चुनाव में कोई सीट नहीं मिली है. इस मोर्चा के नेता जीतनराम मांझी को राज्यसभा भेजा जा सकता है या फिर उन्हें राज्यपाल बनाया जा सकता है.
इस पूरे मामले में सभी फैसले केंद्रीय स्तर पर लिए जाएंगे और नेतृत्व की मर्जी पर आधारित होंगे. इससे पहले राज्यसभा चुनाव की तारीख 27 फरवरी को घोषित की गई है और वोटिंग इसी दिन होगी. यह देखना बचा है कि कौन इस चुनाव में आगे बढ़ता है और राज्यसभा की सीटों पर कौन-कौन से नेता चयन होते हैं.
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