Kalpana Soren Exclusive Interview: हमारे हेमंत जी बाहर आएंगे... चुनावी माहौल में कल्पना सोरेन का धमाकेदार इंटरव्यू
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Kalpana Soren Exclusive Interview: हमारे हेमंत जी बाहर आएंगे... चुनावी माहौल में कल्पना सोरेन का धमाकेदार इंटरव्यू

Kalpana Soren Exclusive Interview: झारखंड के गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. खास बात यह है कि इस सीट से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरने की पत्नी कल्पना सोरेन चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में ज़ी बिहार झारखंड ने कल्पना सोरेन से खास बातचीत की है. 

Kalpana Soren Exclusive Interview: हमारे हेमंत जी बाहर आएंगे... चुनावी माहौल में कल्पना सोरेन का धमाकेदार इंटरव्यू

Kalpana Soren Exclusive Interview: झारखंड के गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. खास बात यह है कि इस सीट से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरने की पत्नी कल्पना सोरेन चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में ज़ी बिहार झारखंड ने कल्पना सोरेन से खास बातचीत की है. एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में हमने कल्पना सोरेन से कई मुद्दों पर सवाल किया है. इनमें गांडेय विधानसभा उपचुनाव, लोकसभा चुनाव 2024, हेमंत सोरेन का जेल जाना और पीएम मोदी के 400 पार वाले नारे जैसे कई मुद्दे शामिल हैं. खबर में पढ़े कल्पना सोरेन से एक्सक्लूसिव सवाल-जवाब.      

सवाल- लोगों से इतनी जल्दी कैसे घुल-मिल जाती हैं?

जवाब- मैं ऐसी ही हूं. बस पहले अपने आपको पब्लिकली एक्सप्रेस नहीं किया. अब परिवार बड़ा हो गया है. गांडेय का परिवार भी है. साथ में झारखंड का भी परिवार है. तो मुझे लगता है कि जैसे मैं निजी पारिवारिक जीवन में रहती थी. अब लोगों के साथ वैसी ही हूं.

सवाल- 4 मार्च के बाद आप राजनीति में आईं कैसा अनुभव रहा?

जवाब: अनुभव जिम्मेदारी से भरा हुआ है. जब एक व्यक्ति सार्वजनिक जीवन में आता है, तो जो लोग उनसे जुड़ते हैं. उनकी अपेक्षाएं-आशाएं थोड़ी बढ़ जाती हैं. एक जिम्मेदारी के तौर पर लोगों ने मुझे अपना प्यार दिया. हेमंत जी के जेल जाने के बाद लोगों ने कहा- 'अब आपको आगे आना चाहिए'. झारखंड मुक्ति मोर्चा संघर्ष की पार्टी रही है. अभी मैं एक नयी सिपाही हूं. तो नयी सिपाही के ऊपर अभी जिम्मेदारी ज्यादा है.

सवाल- आप प्रत्याशी बनने का कब सोचीं, 4 मार्च बाद या 31 जनवरी बाद?

जवाब- अगर सच बताऊं तो मैंने ऐसा कुछ सोचा ही नहीं था. अचानक से सारी चीजें सामने आती गई. 31 जनवरी के बाद से सबकुछ बदल गया. तो जो-जो नई राह मेरे सामने आ रही है. बस मैं चलते जा रही हूं. एक सिपाही का काम होता है कि पार्टी लाइन से आपको जो भी आदेश आता है. आपको उसका सम्मान करना है और सम्मान से साथ जिम्मेदारी को निभाना है. तो जो जिम्मेदारी मिल रही है. वो सब मैं निभा रही हूं.

सवाल- 31 जनवरी के दिन कैसा लगा था आपको?

जवाब- देखिए मैं आपको बताना चाहूंगी कि 20 जनवरी को भी ईडी इंटेरोगेशन हुआ था. उस दिन भी रात के करीब 8:30-9:00 बज गए थे. लेकिन उसके बाद वो लोग चले गए थे. 31 जनवरी के दिन भी हमलोगों ने यही सोचा था कि ज्यादा से ज्यादा थोड़ा और टाइम लगेगा. लेकिन शाम होते-होते यह पता चलता है कि गिरफ्तारी करनी है. तो हमलोग कोई भी तैयार नहीं थे. पार्टी के जितने भी कार्यकर्ता हैं. हमारे गठबंधन के जितने विधायक थे. मंत्री थे, सब उधर ही मौजूद थे. सबको एक झटका सा लगता है, अचानक ये क्या हो गया. वो पल बहुत दुखदायी था. जैसे एक्सीडेंट होता है तो आपको समझने में थोड़ा वक्त लगता है. वहीं चीज हमारे साथ में भी हुआ. अचानक से हेमंत जी ने नैतिकता के आधार पर त्याग पत्र दिया फिर समर्थन पत्र दिया. तो अचानक से सबकुछ बहुत तेजी में हुआ. देखते-देखते पता चलता है कि हेमंत जी को राजभवन से लेकर चली गई ईडी ऑफिसर्स. मैंने लगा कि शायद घर आएंगे. वह तो वहां काम करने गए हैं. लेकिन अचानक से ये सबकुछ बदल गया.

सवाल- उम्मीद थी ऐसी, आप लोगों ने सोचा था ऐसा?

जवाब- नहीं सब अचानक से हुआ. हमलोगों ने सोचा था कि 20 तारीख की तरह थोड़ा लेट हो सकता है. ज्यादा से ज्यादा 8, 9 या 10 बज सकता है. हम लोग इस मेंटल प्रिपरेशन में थे. लेकिन, शाम होते-होते ये हुआ. मुझे लगता है कि पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी संवैधानिक पद पर बैठे सीटिंग सीएम को इंटेरोगेशन के बीच में उस तरह से ले जाया गया. तो मेरे लिए ये सबकुछ नया था.

सवाल- क्या आपको लगता है साजिश हुआ?

जवाब- चुनाव से ठीक पहले जिस लैंड पर ये सब की गई है. उसका अभी तक कोई कागज नहीं मिला है. अभी चुनाव चल रहे हैं. झारखंड में भी पहले चरण का चुनाव हो चुका है. एक दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री को भी गिरफ्तार किया गया है. तो चुनाव से ठीक पहले इस तरह की कार्रवाई कहीं ना कहीं तकलीफ देता है.

सवाल- कार्यकर्ता मिस करते हैं हेमंत जी को?

जवाब- मैं जनता के बीच में जाती हूं. जो आक्रोश, जो दर्द, जो व्यथा है उनती आंखों में वो यही बोलते हैं कि हमारे दादा जल्दी से जल्दी बाहर आए और हमलोगों से मिलें. क्योंकि हेमंत जी उनके लिए सिर्फ गुरु जी के बेटे नहीं हैं. वो आज पेंशन देने वाले मजबूत लाठी हैं. जो महिलाओं को मिला है. जो आवास मिला है. बच्चों को पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति मिली है. योजनाएं बहुत सारे हैं. तो उनके आंखों में यह दर्द दिखता है कि हेमंत जी अगर बाहर होते ये चुनावी माहौल किसी अलग रंग में रंगा होता. हम लोग हैं जोश में. लेकिन कहीं ना कहीं वो आक्रोश लोगों के मन में दिखता है कि गलत हुआ है.

सवाल- जनता के बीच आपको लगता है कि लोग उनको मिस कर रहे हैं?

जवाब- लोग आक्रशित हैं. अगर व्यक्ति हमारे साथ में है जिनको जनादेश मिला था 2019 में और ऐसा जनादेश कि आ करके उन्होंने योजनाओं की गंगा बहा दी. उसके बाद में चुनाव से ठीक पहले इस तरह से जेल में भेज देना और इतने दिनों में अभी तक कोई प्रमाण नहीं है. तो कहीं ना कहीं संदिग्ध की बू आती है और लोग भी इस बात को समझ रहे हैं. इसलिए जनता भी खुले मन से बताती है कि हमलोगों का आशीर्वाद हेमंत सोरेन जी के साथ में है. क्योंकि उन्हीं की हमको आवास मिला है, पेंशन मिला है. एक बूढ़ी मां को मैंने कहा- मतदान करने जाइएगा. उनको कहा हमको कोई ले जाएगा तब ना. मैंने कहा आपका परिवार वाला जरूर लेकर जाएगा. तो उन्होंने कहा- हमको इतने सालों में अभी तक पेंशन नहीं मिला था हमको पेंशन हेमंत बाबू ने दिया है. तो हेमंत बेटा को हम अपना आशीर्वाद जरूर देंगे. तो प्रत्याशी भले ही मैं हूं. लेकिन मुझे जो मान-सम्मान मिल रहा है. वो हेमंत जी की वजह से और उनकी योजनाओं की वजह से मिल रहा है.

सवाल- बीजेपी कह रही है 400 पार, आपको क्या लग रहा है?

जवाब- है 400 पार. लोगों का आक्रोश जो है, वो है 400 पार. जो उनकी तकलीफें हैं, वो है 400 पार. आप पैरामीटर अगर मापिएगा तो मुझे लगता है जिस तरीके से बेरोजगारी बढ़ी है और जिस तरीके से महंगाई बढ़ी है. लोगों की तकलीफ, लोगों की पीड़ा बढ़ी है. लोग आंदोलन करते हैं उसका जवाब नहीं मिलता है. वो सब है 400 पार. तो 400 पार का नारा जिसको देना हो वो दें. लेकिन, जनता ने तो जरूर मन बना लिया है. यहां ना मजदूर सुरक्षित है. ना किसान सुरक्षित है. ना वो सुरक्षित हैं जिनको मैडल मिले हैं. ना मणिपुर सुरक्षित है. तो लंबी लिस्ट है. मुझे लगता है 400 पार आक्रोश है. जनता के बीच में आक्रोश है. पूरे हिंदुस्तान में आक्रोश है.

सवाल- पीएम और बीजेपी के नेता बोलते हैं कि भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई जारी रहेगी, इसपर आप क्या कहेंगी?

जवाब- भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई जरूर जारी रहेगी. पहले ये लोग दूसरी पार्टियों से बोलेंगे फिर जब बीजेपी में चले जाएंगे. तब वो शांत हो जाएंगे. ऐसा नहीं है कि वो पार्टी गंगा है. जहां डूबकी लगा लीजिए तो आपके सारे पाप धूल जाएंगे. तो भ्रष्टाचार अगर है और बढ़ाया है किसी ने तो इन्होंने बढ़ाया है. आप झारखंड का पैसा रोक कर दूसरे राज्यों को जहां आपकी सरकार है. वहां पैसा भेजते हैं तो क्या ये भ्रष्टाचार नहीं है. भ्रष्टाचार को अगर किसी ने बढ़ावा दिया है तो बीजेपी वालों ने दिया है.

सवाल- इस बार झारखंड में कुछ बदलाव होगा? 

जवाब- कुछ क्यों होगा. बहुत कुछ होगा. 14 ऑन 14 होगा टू वॉर्ड्स इंडिया एलायंस.

सवाल- दुमका सीट की चर्चा पूरे देश में है, आपको क्या लगाता है वो दबाव में गई हैं?

जवाब- बड़ी दीदी हैं. मैं छोटी बहन हूं. मेरा हमेशा उनको रिस्पेक्ट है. पहले भी रिस्पेक्ट था. अभी भी रिस्पेक्ट है. आगे भी रिस्पेक्ट रहेगा. मेरी तो बेस्ट विशेस हमेशा से उनके साथ में रहेंगी. हर किसी का अपना एक पर्सनल डिसीजन होता है और पर्सनल डिसीजन को हम सभी को रिस्पेक्ट करना चाहिए. मुझे लगता है कुछ चीजें निजी होती हैं. उसे नहीं खुरेदना ज्यादा बेहतर रहेगा.

सवाल- परिवार की इस परिस्थिति में बीजेपी में जाना?

जवाब- इलेक्शन का माहौल है. उन्होंने अपनी विचारधारा बदली है. ये उनका पर्सनल डिसीजन है.

सवाल- गांडेय उपचुनाव में जीत को लेकर कितना आस्वस्थ हैं आप?

जवाब- आस्वस्थ इसलिए हूं. क्योंकि लोगों ने मुझे दिखाया है. लोगों ने मुझे बताया है कि मुझे ये मिला है. मुझे लोगों ने बताया मुझे आवास मिला, मुझे पेंशन मिला है. पढ़ाई को लेकर बच्चों ने बताया. मैंने लोगों से वादा किया है कि मैं यहां डिग्री कॉलेज जरूर खुलवाऊंगी. ये मेरा पर्सनल डिसीजन है. मेरी बहने सुरक्षित महसूस कर रहीं हैं. क्योंकि उनको लगता है कि एक महिला उम्मीदवार आई है और ये हमारी तकलीफों को बेहतर समझेंगी. अब परिवार बड़ा हो गया है मेरा. हर तबके के लोग मेरे साथ हैं. बस एक व्यक्ति नहीं है. बाकी सबकुछ है मेरे साथ है. तो नो डाउट झारखंड मुक्ति मोर्चा की जीत होगी.

सवाल- कल्पना सोरेन अगर उपचुनाव जीत जाती हैं, तो सीएम पद में बदलाव होगा?

जवाब- हमारे आलाकमान हैं. हमारे आलाकमान जैसा डिसीजन लेते हैं, हम लोग वही एक्सेप्ट करते हैं. जब मैं आई थी तो मुझे नहीं पता था कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी आने वाली है. हमलोग आदेश पालन करने वाले हैं. हमलोगों को जैसा आदेश मिलता है. हमलोग वैसा ही काम करते हैं. तो जैसा आलाकमान का आदेश रहेगा, क्या रहेगा वो तो आलाकमान ही बताएंगे.

सवाल- अगर आलाकमान आदेश देता है कि पद संभालिए और कल्पना सोरेन के चेहरे पर राज्य में 2024 का चुनाव लड़ा जाए तो?

जवाब- जो हमारे आलाकमान हैं. वो बस जल्द से जल्द बाहर निकलें. ये जो जिम्मेदारी है इसको वह बखूबी निभाएं. क्योंकि जनता हेमंत सोरेन जी को बहुत ढूंढ रही है. ये जनता की आंखों में दिखता है और उनके लिए उनका हेमंत बेटा और दादा ही सबकुछ है. तो मुझे लगता है कि हेमंत सोरेन जी जल्दी आएंगे और आ करके वो जो जिम्मेदारी निभा रहे थे. उसको बखूबी निभाएं.

सवाल- घर पर बच्चे मिस करते हैं आपको?

जवाब- अभी तो साथ में ही हैं. क्योंकि गर्मी छुट्टी हो गई है. अभी जब हम कैंपेन के लिए जाते हैं तो बच्चे भी शाम में साथ जाते हैं.

सवाल- मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी को किस तरह देखती हैं आप?

जवाब- समझ में नहीं आ रहा है, ऐसी कार्रवाई हो रही है. क्योंकि सारी गिरफ्तारी वहीं पर क्यों हो रही है जहां भाजपा की सरकार नहीं है. बड़े-बड़े घोटाले वाले लोग बीजेपी ज्वाइन कर लेते हैं. बड़े-बड़े पद पर बैठ जाते हैं. तो ये सबसे बड़ा सवाल पैदा करता है और ये लोगों को समझ में आ रहा है. मुझे लगता है कि सवाल के अंदर में ही एक सवाल है कि अगर बीजेपी ऐसा काम करती है, तो वो बहुत सच्चे हैं. बाकी सब झूठे हैं. ऐसे में आप 400 पार तो होने नहीं वाले. नारे आप जितने लगा लें. जनता मन बना चुकी है और किसी को मौका देना चाहिए. इसलिए, जनता ने इस बार सुनिश्चित कर लिया है कि किसको मौका मिलने वाला है. इस बार इंडिया गठबंधन को मौका मिलने वाला है.

सवाल- पीएम के मंगलसूत्र और मुस्लिम आरक्षण वाले बयान को सुनती हैं आप?

जवाब- इसपर मैं यही कहूंगी कि आपने जो वादा किया था. पहले उसको पूरा कर लीजिए. चुनाव नयी-नयी बातें आती हैं. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन, अगर आपने जो वादे किए थे 2014 में उस पर कायम रहते, तो मुझे नहीं लगता कि सामने से ये सब बोलने की जरूरत पड़ती. इस बार जनता सबकुछ समझ चुकी है और इसका जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

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