Bihar Politics: क्या बिहार कांग्रेस को खत्म करना चाहते हैं लालू यादव? देखिए कैसे सबसे पुरानी पार्टी को हाशिये पर धकेला
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Bihar Politics: क्या बिहार कांग्रेस को खत्म करना चाहते हैं लालू यादव? देखिए कैसे सबसे पुरानी पार्टी को हाशिये पर धकेला

Bihar Politics: दो दिन के अंदर कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं ने पार्टी का हाथ छोड़ दिया है. इनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा, पार्टी प्रवक्ता असित नाथ तिवारी और अजय सिंह टुन्नू का नाम शामिल है. 

लालू यादव

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार कांग्रेस में काफी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. कहा जा रहा है कि राजद अध्यक्ष लालू यादव ने सीट शेयरिंग में कांग्रेस पार्टी खेला कर दिया है. उन्होंने कांग्रेस से वो सारी सीटें छीन ली हैं, जहां कांग्रेस का कोई बड़ा नेता पहले से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था. इतना ही नहीं उन्होंने सीट बंटवारे से पहले ही कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों को टिकट देकर कांग्रेसियों के जले पर नमक छिड़कने का काम किया. इतना सबकुछ होने के बाद भी कांग्रेस आलाकमान खामोश रहे. जब गांधी परिवार की तरफ से लालू को नहीं रोका जा सका तो बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का भला क्या वजूद था. लंबे इंतजार के बाद आखिरकार उन्होंने गठबंधन में सीटों का बंटवारा किया तो कांग्रेस को महज 9 सीटों पर समेट दिया. पहली बार कांग्रेस इतनी कम सीटें दी गई हैं. 

इसके बाद तो कांग्रेस में भगदड़ सी मच गई है. दो दिन के अंदर तीन बड़े नेताओं ने पार्टी का हाथ छोड़ दिया. इनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा, पार्टी प्रवक्ता असित नाथ तिवारी और अजय सिंह टुन्नू का नाम शामिल है. अनिल शर्मा पिछले 39 वर्षों से कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे. तो अजय सिंह टुन्नू की जवानी भी कांग्रेस को आगे बढ़ाने में गुजरी. असित नाथ तिवारी ने 2020 में ही कांग्रेस ज्वाइन की थी और महज 4 साल में ही पार्टी से मन भर गया. अनिल शर्मा ने कांग्रेस छोड़ते पार्टी को राजद से सावधान रहने की सलाह दी. कांग्रेस छोड़ने वाले हर बड़े नेता की तरह अनिल शर्मा ने भी जाते-जाते राहुल गांधी की काबिलियत पर सवाल उठाए.

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बेटे का भविष्य सुरक्षित कर रहे लालू!

सियासी जानकारों के मुताबिक, लालू यादव ने ये जानबूझकर किया है. उनका मानना है कि लालू यादव कभी नहीं चाहेंगे कि बिहार कांग्रेस को कोई भी बड़ा नेता मिले, क्योंकि ऐसा हो गया तो भविष्य में उनके बेटे तेजस्वी के सीएम बनाने के सपने में अड़ंगा लग सकता है. वहीं सीट बंटवारे से पप्पू यादव और कन्हैया कुमार जैसे कांग्रेस पार्टी के तमाम बड़े चेहरे बेटिकट हो चुके हैं. पप्पू यादव लगातार कांग्रेस आलाकमान और लालू यादव से अपना निर्णय बदलने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी पुकार को कोई सुन नहीं रहा है. जिससे निराश होकर पप्पू यादव और प्रवेश मिश्रा जैसे नेता अब निर्दलीय ताल ठोंकने की तैयारी कर रहे हैं. 

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कन्हैया-पप्पू को कर दिया तड़ीपार!

कहा जा रहा है कि लालू यादव ने कांग्रेस के दो बड़े नेता पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को सीमांचल की राजनीति से तड़ीपार कर दिया है. राहुल गांधी के साथ दिखने वाले कन्हैया कुमार का बेगूसराय से पत्ता पूरी तरह से साफ माना जा रहा है. वहीं पूर्णिया से पप्पू यादव अभी भी हुंकार भरने के मूड में हैं. वह लगातार पार्टी का समर्थन मांग रहे हैं, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. पार्टी का साथ नहीं मिलने के कारण पप्पू यादव ने अपने नामांकन भरने की तारीख को 2 अप्रैल की जगह 4 अप्रैल कर दिया है. वहीं पूर्णिया में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने राजद उम्मीदवार बीमा भारती को ही महागठबंधन का कैंडिडेट स्वीकार कर लिया है. कांग्रेस जिला अध्यक्ष छोटू सिंह ने कहा कि पप्पू यादव पूर्णिया से चुनाव लड़ रहे हैं, हमें इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने साफ कहा है कि हम महागठबंधन में शामिल राजद के टिकट से प्रत्याशी बीमा भारती को जिताने का वो प्रयास करेंगे.

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