Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस और RJD के लिए पूर्णिया में 'पानीपत की लड़ाई', NDA न उठा ले जाए फायदा
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Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस और RJD के लिए पूर्णिया में 'पानीपत की लड़ाई', NDA न उठा ले जाए फायदा

Lok Sabha Election 2024: पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र को विधानसभा सीट के लिहाज से समझिए. कैसे अगर कांग्रेस और राजद में सियासी लड़ाई जारी, तो एनडीए फायदा उठा सकती है. दरअसल, पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीट हैं. कस्बा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का विधायक हैं.

पूर्णिया लोकसभा चुनाव 2024

Purnia Lok Sabha Election 2024: बिहार महागठबंधन में लोकसभा चुनाव को लेकर खींचतान जारी है. अभी तक कांग्रेस-राजद में सीट बंटवारा नहीं हुआ है, और राजद लगातार सीटों पर कैंडिडेट उतार रही है. लालू प्रसाद यादव जिस तरह से पार्टी का सिंबल बांट रहे हैं, उससे लग रहा है कि कहीं कांग्रेस ताकती ना रह जाए और राजद 40 की 40 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतार दे. वहीं, जब 27 मार्च, 2024 दिन बुधवार को लालू यादव ने पूर्णिया से लड़ने के लिए सिंबल दिया. तब से कांग्रेस और RJD के लिए पूर्णिया में 'पानीपत की लड़ाई' जैसी बन गई है. क्योंकि कांग्रेस नेता पप्पू यादव यहा से चुनाव लड़ने का पहले से ही ऐलान कर चुके हैं. वहीं, अब माना जा रहा है कि कांग्रेस और RJD की पूर्णिया के लिए लड़ाई का फायदा एनडीए ना उठा ले जाए. चलिए पूर्णिया में 'पानीपत की लड़ाई' को समझने की कोशिश करते हैं.

कांग्रेस और राजद के बीच पूर्णिया लोकसभा सीट की लड़ाई को इस तरह से समझिए. दरअसल, कांग्रेस ने इस सीट पर साल 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. यहां से कांग्रेस उम्मीदवार उदय सिंह चुनावी मैदान में थे. हालांकि, वह जदयू के संतोष कुमार कुशवाहा से हार गए थे. मगर, कांग्रेस इस सीट को अपना मानती है. राजद चाहती है कि इस बार वह इस सीट खुद चुनाव लड़े, इसके लिए लालू यादव ने जदयू की विधायक बीमा भारती को इस्तीफा दिलवाया.

राजद ने बीमा भारती को पूर्णिया से चुनाव लड़ने के लिए सिंबल भी दे दिया. वहीं, कांग्रेस नेता पप्पू यादव यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. पप्पू यादव से पूर्णिया से सांसद भी रह चुके हैं. इसलिए कांग्रेस चाहती है कि इस सीट पर उसका प्रत्याशी हो. वहीं, राजद और कांग्रेस की लड़ाई और पप्पू यादव का ये कहना कि  दुनिया छोड़ दूंगा, लेकिन पूर्णिया नहीं छोडूंगा. इस बात की तरफ इशारा करते है कि वह हरहाल में यहीं से चुनाव लड़ेंगे. अगर ऐसा होता है तो पूर्णिया की लड़ाई त्रिकोणिय हो सकती है.

अगर पूर्णिया की लड़ाी त्रिकोणिय होती है तो इसका सीधा फायदा एनडीए उम्मीदवार को होगा. क्योंकि एनडीए के सभी दलों के मतदाता यहां पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता संतोष कुमार कुशवाहा के लिए वोट करेंगे. वहीं, महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और राजद के अलग-अलग चुनाव लड़ने से वोट का बंटवारा हो सकता है. 

अब साल 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम पर एक नजर डाल लीजिए, और जान लीजिए की. यहां से जदयू उम्मीदवार संतोष कुमार कुशवाहा को 6,32,924 वोट मिले हुए थे. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार उदय सिंह को 3,69,463 वोट मिले थे. संतोष कुमार कुशवाहा ने उदय सिंह को 2,63,461 वोटों से हराया था. सबसे अहम बात ये है कि पूर्णिया लोकसभा सीट पर कांग्रेस साल 2024 में भी चुनाव लड़ी थी. तब इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर अमरनाथ तिवारी ने चुनाव लड़ा था. 

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पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र को विधानसभा सीट के लिहाज से समझिए. कैसे अगर कांग्रेस और राजद में सियासी लड़ाई जारी, तो एनडीए फायदा उठा सकती है. दरअसल, पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीट हैं. कस्बा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का विधायक हैं. बानमंखी आरक्षित विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विधायक हैं. रूपौली विधानसभा क्षेत्र जदयू के खाते में हैं. धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से जदयू का विधायक हैं. पूर्णिया विधानसभा सीट से बीजेपी के खाते में है. कोरहा आरक्षित विधानसभा सीट से जदयू की कविता देवी विधायक हैं. इस तरह से देखा तो इस क्षेत्र में राजद से ज्यादा कांग्रेस मजबूत दिखाई देती है. मगर, इन दिनों से अधिक एनडीए गठबंधन का दम दिखाई दे रहा है.

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