Lok Sabha Election 2024: मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार में 7.64 करोड़ वोटर हैं इनमें 4 करोड़ पुरुष और 3.6 करोड़ महिला मतदाता है. 21,689 वोटर की उम्र 100 साल से अधिक है और 9.26 लाख फर्स्ट टाइम वोटर हैं.
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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. इसी के मद्देनजर देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार भी अपनी पूरी टीम के साथ बिहार का दौरा कर चुके हैं. यहां उन्होंने आम चुनावों को लेकर चल रही तैयारियों की समीक्षा की गई. इसके बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चुनाव को लेकर सारी जानकारी शेयर की. राजीव कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय पार्टियों में आप, बीएसपी, बीजेपी, कांग्रेस और सीपीआई(एम) के अलावा क्षेत्रीय पार्टियों जेडीयू, आरजेडी, लोजपा, लोजपा-रामविलास, सीपीआई-एमएल के नेताओं से मुलाकात की गई है. इन दलों ने अपनी कुछ मांगें रखी हैं, जिन पर विचार किया जाएगा.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस दौरान बताया कि बिहार में 40 सीट हैं. इनमें 6 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार में 7.64 करोड़ वोटर हैं इनमें 4 करोड़ पुरुष और 3.6 करोड़ महिला मतदाता है. 21,689 वोटर की उम्र 100 साल से अधिक है और 9.26 लाख फर्स्ट टाइम वोटर हैं. राजीव कुमार की ओर से दी गई जानकारी के बाद से सत्तापक्ष खुश हो रहा है. दरअसल, महिला वोटर को एनडीए का सीक्रेट वोटर माना जाता है. पीएम मोदी हों या सीएम नीतीश कुमार, दोनों की जीत में महिला वोटर का अच्छा-खासा योगदान रहता है. पिछले कुछ चुनावों में ये बात साबित भी हुई है.
2020 में हुए विधानसभा चुनावों में इसी वोटबैंक ने महागठबंधन का गेम बिगाड़ दिया और तेजस्वी यादव के हाथ में सत्ता आते-आते रह गई थी. चुनाव परिणाम आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की भागीदारी का उल्लेख किया था और कहा था कि उन्होंने इस चुनाव में शांत मतदाता की भूमिका निभाई. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि करीब डेढ़ दशकों के शासन के कारण नीतीश कुमार के खिलाफ जो सत्ता विरोधी लहर इस बार थी, उसको बेअसर कर सत्ता में वापस लाने में मोदी और महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. मत प्रतिशत को देखते हुए इस चुनाव की बात करें तो महिलाओं ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था. जहां 54.7 फीसद पुरुषों ने तो वहीं 59.9 फीसद महिलाओं ने मतदान किया था. बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में महिलाओं की हिस्सेदारी पुरुषों से कम रही थी. नतीजे में इसका फर्क साफ दिखने को मिला था. यहां महागठबंधन को लीड मिली थी.