क्या लालू प्रसाद ने कांग्रेस को वहीं सीटें दी हैं, जिन पर जीत की नहीं हार की गारंटी थी? जानें सभी 9 सीटों का ट्रेंड
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क्या लालू प्रसाद ने कांग्रेस को वहीं सीटें दी हैं, जिन पर जीत की नहीं हार की गारंटी थी? जानें सभी 9 सीटों का ट्रेंड

Lok Sabha Elections 2024 : 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो एनडीए में गठबंधन के तहत यह सीट जेडीयू के खाते में चली गई थी. जेडीयू की ओर से इस सीट पर अजय कुमार मंडल ने 2019 का चुनाव लड़ा था. सामने राजद के वुलो मंडल से उनका मुकाबला हुआ था.

क्या लालू प्रसाद ने कांग्रेस को वहीं सीटें दी हैं, जिन पर जीत की नहीं हार की गारंटी थी? जानें सभी 9 सीटों का ट्रेंड

Lok Sabha Elections 2024: एक तरफ एनडीए की ओर से बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया गया है तो दूसरी तरफ सीट शेयरिंग होने के बाद भी महागठबंधन में पेंच फंसा हुआ है. कांग्रेस पूर्णिया को लेकर राजद पर लगातार दबाव बना रही है तो राजद की ओर से पहले ही जेडीयू से राजद में आईं बीमा भारती को सिंबल दे दिया गया है. इन सबके बीच हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए पप्पू यादव परेशान हैं और वे राजद और कांग्रेस को भी परेशानी में डाल सकते हैं. पप्पू यादव ने ऐलान कर दिया है कि मर जाएंगे, मिट जाएंगे पर पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे. लेकिन राजद है कि मानने को तैयार नहीं है. महागठबंधन में कांग्रेस को 9 सीटें लड़ने के लिए दी गई हैं पर कांग्रेस उन 9 सीटों पर भी अपनी पसंद का उम्मीदवार उतारने की हैसियत में नहीं दिख रही है. वो 9 सीटें हैं: महाराजगंज, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, सासाराम, पटना साहिब, समस्तीपुर, कटिहार और किशनगंज. किशनगंज में तो कांग्रेस के पास सीटिंग सांसद है फिर भी कांग्रेस प्रत्याशी घोषित नहीं कर पा रही है. यह भी कहा जा रहा है कि इस बार लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस को वहीं सीटें दी हैं, जहां से जीतने की उम्मीद ना के बराबर है. आइए, उन सभी 9 सीटों की तहकीकात कर लेते हैं कि वहां पर हार और जीत का क्या ट्रेंड रहा है.

भागलपुर सीट पर जेडीयू का है कब्जा 
2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो एनडीए में गठबंधन के तहत यह सीट जेडीयू के खाते में चली गई थी. जेडीयू की ओर से इस सीट पर अजय कुमार मंडल ने 2019 का चुनाव लड़ा था. सामने राजद के वुलो मंडल से उनका मुकाबला हुआ था. अजय कुमार मंडल को 6,18,254 वोट हासिल हुए थे तो वुलो मंडल को 3,40,624 वोट मिले थे. इस तरह अजय कुमार मंडल ने वुलो मंडल को 2,77,630 मतों से हरा दिया था. 

तारीक अनवर की सीट रही है कटिहार 
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कटिहार से तारीक अनवर को मौका दिया था. सामने जेडीयू प्रत्याशी के रूप में दुलाल चंद गोस्वामी से मुकाबला था. दुलाल चंद को 5,59,423 वोट हासिल हुए थे तो तारीक अनवर केवल 5,02,220 वोट ही हासिल कर पाए थे. इस तरह दुलाल चंद ने तारीक अनवर को 57,203 वोटों के अंतर से मात दी थी. 

किशनगंज में मोहम्मद जावेद ने रोका था एनडीए का विजय रथ
एनडीए गठबंधन में किशनगंज सीट भी जेडीयू के खाते में गई थी और सामने थी कांग्रेस. कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. मोहम्मद जावेद ने इस सीट पर एनडीए का विजय रथ रोक दिया था. डॉ. मोहम्मद जावेद को 3,67,017 वोट मिले थे तो जेडीयू प्रत्याशी सैयद मोहम्मद अशरफ को 3,32,551 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था. इस तरह डॉ. जावेद ने सैयद मोहम्मद अशरफ को 34,466 वोटों से हराया था. 

मुजफ्फरपुर में मिले थे भाजपा को सबसे अधिक वोट 
बिहार में एनडीए सांसदों में सबसे अधिक वोट मुजफ्फरपुर के भाजपा प्रत्याशी अजय कुमार निषाद को मिले थे. अजय कुमार निषाद को 666878 वोट मिले थे तो उनके प्रतिद्वंद्वी विकासशील इंसान पार्टी के राजभूषण चौधरी को 256890 वोट ही मिल पाए थे. इस तरह अजय कुमार निषाद ने राजभूषण को 4,09,988 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. 

3 बार से जीतते आ रहे हैं डॉ. संजय जायसवाल
बात करते हैं पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट की, जो इस बार कांग्रेस के खाते में गई है. इस सीट से डॉ. संजय कुमार जायसवाल पिछले 3 बार से लगातार जीत हासिल करते आ रहे हैं. डॉ. संजय कुमार जायसवाल 2009, 2014 और 2019 का चुनाव लगातार जीत चुके हैं. 2019 में डॉ. जायसवाल को 603706 वोट मिले थे और बृजेश कुशवाहा को 309800. इस तरह डॉ. जायसवाल ने बृजेश कुशवाहा को 293906 वोटों से मात दी थी. 

पटनासाहिब सीट पर रविशंकर को टक्कर देना आसान नहीं
पटनासाहिब सीट भी इस बार कांग्रेस के खाते में गई है. 2019 में इस सीट से रविशंकर प्रसाद चुने गए थे. रविशंकर प्रसाद को 607506 वोट मिले थे तो कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा को केवल 322849 वोट ही हासिल हो पाए थे. इस तरह रविशंकर प्रसाद ने शत्रुघ्न सिन्हा को 284657 वोटों से हराया था.

समस्तीपुर सुरक्ष्ति सीट पर भी कांग्रेस की राह आसान नहीं 
समस्तीपुर सुरक्षित सीट भी इस बार कांग्रेस के खाते में गई है. इस सीट पर पिछली बार यानी 2019 की बात करें तो एनडीए के घटक दल लोजपा की ओर से रामचंद्र पासवान ने कांग्रेस के डॉ. अशोक कुुमार को हराया था. रामचंद्र पासवान को 562443 तो डा. अशोक कुमार को 310800 वोट हासिल हुए थे. इस तरह रामचंद्र पासवान ने डॉ. अशोक को 251643 वोटों से मात दी थी.

सासाराम सीट भी अब कांग्रेस के लिए नहीं रही मुफीद
इसी तरह सासाराम सुरक्षित सीट की बात करें तो यह भी कांग्रेस के खाते में आई है. यहां से 2019 के लोकसभा चुनाव में छेदी पासवान भाजपा की ओर से प्रत्याशी थे और उन्होंने मीरा कुमार को मात दी थी. छेदी पासवान को 494800 तो मीरा कुमार को 329055 वोट मिले थे. इस तरह छेदी पासवान ने मीरा कुमार को 1,66,745 वोटों से हराया था.

सिग्रीवाल के सामने राजद की नहीं चली, क्या कांग्रेस चला पाएगी
कांग्रेस को महागठबंधन में जो 9वीं सीट मिली है, वो है महाराजगंज की सीट. महाराजगंज सीट से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने 2019 में जीत का झंडा गाड़ा था. सिग्रीवाल को 546352 तो राजद प्रत्याशी रणधीर कुमार सिंह को 315580 वोट ही मिल पाए थे. इस तरह सिग्रीवाल ने रणधीर कुमार सिंह को 230772 वोटों से मात दी थी.

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