Lok Sabha Election 2024: उद्धव के 'धनुष-बाण' के बाद पवार की 'घड़ी' भी गई, बस नीतीश ने बचा लिया अपना तीर!
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Lok Sabha Election 2024: उद्धव के 'धनुष-बाण' के बाद पवार की 'घड़ी' भी गई, बस नीतीश ने बचा लिया अपना तीर!

Lok Sabha Election 2024: नीतीश की पार्टी को बचाने में बीजेपी ने काफी मदद की. वहीं उद्धव ठाकरे और शरद पवार की सियासी जमीन खिसकाने में भी बीजेपी का ही हाथ है. इस तरह से लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया ब्लॉक पर बीजेपी की रणनीति हमेशा भारी पड़ी है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार का हाल भी उद्धव ठाकरे जैसा हो गया. जैसे ठाकरे की शिवसेना बंटी ठीक उसी तरह से पवार साहेब की एनसीपी टूटी. जैसे उद्धव के हाथों से धनुष-बाण फिसला ठीक उसी तरह से शरद पवार की कलाई से घड़ी गायब हो गई. दरअसल, चुनाव आयोग ने मंगलवार (6 फरवरी) को अजित पवार के गुट को असली NCP घोषित करते हुए पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न (घड़ी) अलॉट कर दिया है. चुनाव आयोग ने 6 महीने तक चली 10 सुनवाई के बाद यह फैसला दिया है. कुछ ऐसा ही खतरा नीतीश कुमार पर भी आने वाला था, लेकिन उन्होंने होशियारी दिखाते हुए अपनी पार्टी जेडीयू को बचा लिया. 

जेडीयू नेताओं के मुताबिक, राजद अध्यक्ष लालू यादव ने अपने बेटे तेजस्वी को सीएम बनाने के लिए जेडीयू तोड़ने की साजिश कर रहे थे. हालांकि, नीतीश को इसकी भनक लग गई और उन्होंने लालू के मंसूबों पर पानी फेर दिया. दरअसल, ये बात उन दिनों की है जब नीतीश कुमार इंडिया ब्लॉक का हिस्सा थे और बिहार में महागठबंधन की सरकार थी. उस सरकार में लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे और बड़े बेटे तेज प्रताप मंत्री. लेकिन तेजस्वी को सीएम बनाने के लिए लालू जेडीयू में तोड़फोड़ करने की साजिश रच रहे थे. खास बात ये है कि जेडीयू के एक बड़े नेता भी इस साजिश का हिस्सा थे. 

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सही समय पर नीतीश को इसकी भनक लग गई. उन्होंने सबसे पहले तो अपनी पार्टी के उस नेता पर कार्रवाई की और फिर उसके बाद लालू यादव को भी 'बाय-बाय' कह दिया. नीतीश कुमार तो आज भी मुख्यमंत्री हैं, बस लालू के दोनों लाल (बेटे) बेरोजगार हो गए. मतलब राजद पार्टी अब विपक्ष की भूमिका में पहुंच चुकी है. इस तरह से उन्होंने अपने तीर (चुनावी निशान) को सुरक्षित रखा. नीतीश की पार्टी को बचाने में बीजेपी ने काफी मदद की. वहीं उद्धव ठाकरे और शरद पवार की सियासी जमीन खिसकाने में भी बीजेपी का ही हाथ है. लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया ब्लॉक पर बीजेपी की रणनीति हमेशा भारी पड़ी है.

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