बेतियाः बिहार के चम्पारण के लिए ऐतिहासिक दिन जो अपना इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में लिख रहा है. भाजपा की पूर्ववर्ति सरकार और वर्तमान सरकार ने मुजफ्फरपुर नरकटियागंज गोरखपुर रेलखण्ड को ग्रीन बेल्ट में आज शामिल कर लिया है. आजादी के 70 साल बाद मात्र डेढ़ साल में 204 किलोमीटर लंबे रेलखण्ड पर सरकार ने गुरुवार से इलेक्ट्रिक ट्रेन का परिचालन शुरू कर दिया है.
30 मई को एक तरफ देश की राजधानी दिल्ली में नरेंद्र मोदी पीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं. वहीं, चम्पारण में भी आजादी के 70 साल बाद मुजफ्फरपुर नरकटियागंज गोरखपुर रेलखंड पर इलेक्ट्रिक ट्रेन का परिचालन की शुरु कर दिया गया है.
इस रेलखंड पर विद्युतीकरण पूरा होने के बाद प्रथम चरण में पांच जोड़ी ट्रेन अप और डाउन एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनें आज से पटरियों पर दौड़ लगा रही है. जिसमें सप्तक्रांति 12557-58 अप डाउन, गरीबरथ 12211-12 अप डाउन, सत्याग्रह 15273-74 अप डाउन, इंटरसिटी 15201-02 अप डाउन, पूर्वांचल 15051-52 अप डाउन ट्रेन शामिल हैं.
इसके अलावा तीन से चार जोड़ी पैसेंजर इलेक्ट्रिक ट्रेनों का भी इस रेलखण्ड पर परिचालन किया जाएगा. सप्तक्रांति एक्सप्रेस पहली ट्रेन बनी जो गोरखपुर से इलेक्ट्रिक इंजन के साथ बिहार के चम्पारण में प्रवेश की ट्रेन के चालक और टीटीई के साथ यात्री भी इस ऐतिहासिक पल का गवाह बने.
377 करोड़ की लागत से विद्युतीकरण का कार्य पूरा हुआ है 204 किमी लंबे रेलखण्ड पर पिछले डेढ़ साल से युद्ध स्तर पर कार्य हो रहा था. इलेक्ट्रिक ट्रेनों के परिचालन से चम्पारण ग्रीन बेल्ट में शामिल हो जाएगा.
इस कार्य के बाद पुरे जिले में उत्साह का माहौल है. यात्रियों की मानें तो ये मोदी मैजिक है इस रेलखण्ड पर किसी ने कल्पना तक नहीं की थी की इलेक्ट्रिक ट्रेन का परिचालन इतना शीघ्र होगा. यात्री हो चम्पारण की जनता इस सौगात को सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से जोड़ रहे है और मोदी सरकार को जनता यात्री धन्यवाद दे रहे है.
वहीं, बीजेपी सांसद डॉ संजय जायसवाल ने बताया कि माननीय रेल मंत्री मनोज सिन्हा ने इसकी नींव डाली थी और प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक थी जिसे बहुत ही कम दिन में पूरा कर लिया गया है बहुत जल्द दोहरीकरण भी किया जाएगा.