Bihar News: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से भटके नरभक्षी बाघ ने अब तक 6 लोगों को अपना शिकार बनाया है. हैरत की बात यह है कि अब तक बाघ गांव से दूर खेतों में काम कर रहे लोगों को निशाना बनाता था लेकिन यह पहली घटना है जब बाघ किसी गांव के घर में घुसकर किसी को अपना शिकार बना चुका है.
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बगहा : Bihar News: इस वक्त की बड़ी खबर बगहा से आ रही है जहां गोवर्धना डुमरी थाना क्षेत्र के सिंगाही मुसटोली में आदमखोर बाघ ने घर में घुसकर एक किशोरी को मौत के घाट उतार दिया है. इस इलाके में यह घटना आम हो गई है और अभी तक इस आदमखोर बाघ के हमले में 6 लोगों की जान चली गई है.
पहली बार घर में घुसकर किसी की बाघ ने ली है जान
दरअसल वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से भटके नरभक्षी बाघ ने अब तक 6 लोगों को अपना शिकार बनाया है. हैरत की बात यह है कि अब तक बाघ गांव से दूर खेतों में काम कर रहे लोगों को निशाना बनाता था लेकिन यह पहली घटना है जब बाघ किसी गांव के घर में घुसकर किसी को अपना शिकार बना चुका है. मृतका की पहचान रामाकांत मांझी की 12 वर्षीय पुत्री बगड़ी कुमारी के रूप में हुई है.
घटना के बाद इलाके में फिर एक बार बाघ की चहलकदमी और हमले के बाद यहां के लोग दहशत में हैं. वहीं वन विभाग व पुलिस टीम ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पूरे इलाके को वन विभाग की टीम ने अपने कब्जे में लेकर यहां छावनी जैसा माहौल बना दिया है.
400 वनकर्मियों की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है
बता दें कि पिछले 24 दिनों से इस नरभक्षी बाघ को पकड़ने के लिए करीब 400 वनकर्मियों की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. फिर भी आदमखोर बाघ पकड़ से बाहर है. इधर वन विभाग के सीएफ डॉ नेशामणि के मुताबिक बाघिन ने पिछले साल जंगल से निकलकर शावकों को जन्म दिया था. जिसमें आशंका जताई जा रही है कि करीब 3 शावक अब बड़े हो रहे हैं जो अपना आशियाना ढूंढ रहे है और आसपास के गांव में हमला कर लोगों के जानमाल को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
इस इलाके में तेजी से बढ़ी है बाघों की संख्या
इधर इस घटना के बाद वन विभाग के भी होश उड़ गए हैं वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के कर्मियों की टीम मुनादी कराकर गन्ने की खेत व आसपास के इलाके में किसानों व ग्रामीणों को जाने से रोक रही है और सतर्क रहने की अपील कर रही है. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि सूबे के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल में बाघों की संख्या व्यवस्था से अधिक बढ़कर 50 से 60 के करीब पहुंच गई है. ऐसे में वन विभाग व सरकार कुछ बाघों को अन्यत्र शिफ्ट करने के दिशा में कब तक पहल करती है ताकि कोर एरिया से बाहर न आकर बाघ वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के करीब 900 वर्ग किलोमीटर जंगल में क्षेत्र के अधिवास में रहें तभी जाकर लोगों के जानमाल की सुरक्षा संभव है.
(REPORT- IMRAN AJIJ)
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