कोरोना के संभावित खतरे से पहले अस्पतालों में हो रहा मॉक ड्रिल, तैयारियों पर भी जोर
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1503911

कोरोना के संभावित खतरे से पहले अस्पतालों में हो रहा मॉक ड्रिल, तैयारियों पर भी जोर

कोरोना के बढ़ते प्रसार और संभावित खतरे को देखते हुए बिहार के सुपौल जिले के सदर अस्पताल में मंगलवार को मॉक ड्रिल किया गया. जो करीब 12 मिनट तक चला.

(फाइल फोटो)

सुपौल : कोरोना के बढ़ते प्रसार और संभावित खतरे को देखते हुए बिहार के सुपौल जिले के सदर अस्पताल में मंगलवार को मॉक ड्रिल किया गया. जो करीब 12 मिनट तक चला. इस दौरान कोविड 19 के मरीज आने पर उसे अस्पताल लाने से लेकर उसका इलाज करने तक की प्रक्रिया की जांच की गई. 

इस मॉक ड्रिल के दौरान 102 के एक एंबूलेंस से पारा मेडिकल कॉलेज सुपौल के छात्र अमन मिश्रा को डमी कोरोना मरीज बना कर सदर अस्पताल लाया गया. जहां उसे स्वास्थ्य कमिर्यों की मदद से आपात कालीन कक्ष में ले जाया गया. वहीं तैनात डॉ बीएन भारती ने उसका पहले उसका नब्ज टटोला, फिर उसके बुखार की जांच की। इसके बाद बुखार होने की पुष्टि होने के बाद एंटीजेन कीट से कोरोना जांच किया और बताया कि उसे कोरोना है.

इसके बाद उसे लिफ्ट से सदर अस्पताल में बने आईसोलेशन वार्ड में भर्ती करने को कहा गया. जहां भर्ती करने से पहले आईसेलेशन वार्ड में तैनात डॉ जाहिद अख्तर ने उसके पल्स एवं बीपी की जांच की. जिसके बाद उसे भर्ती करने के साथ ही ऑक्सीजनयुक्त बेड पर लिटा कर इलाज शुरु कर दिया. इस दौरान आईसोलेशन वार्ड में तैनात सभी कर्मी पीपीई कीट पहने दिखे. इस पूरे ड्रिल का नेतृत्व सदर अस्पताल के वरीय चिकित्सक डॉ अजय कुमार झा कर रहे थे.

डॉ अजय कुमार झा ने कहा कि संभावित कोरोना संक्रमण को लेकर मरीज को अस्पताल लाने से लेकर इलाज करने की प्रक्रिया का पूर्वाभ्यास किया गया. अभी देश में ओमिक्रोन का ही वेरिएंट बीएफ.07 आया है. इसको लेकर हम तैयार हैं हमारे पास पर्याप्त बेड है. हमलोग पूरी तरह से तैयार हैं. डॉक्टर एवं टेक्नीशियन के अभाव में केवल वेंटिलेटर की सुविधा चालू नहीं हो सकी है. इसके अलावा हमारे पास सारे संसाधन उपलब्ध हैं.

दोनों ऑक्सीजन प्लांट की भी हुई जांच
वहीं सदर अस्पताल में बने दोनों ऑक्सीजन प्लांट की भी जांच की गई. वहीं जांच के बाद डॉ जाहिद अख्तर ने कहा कि हमारे पास दो ऑक्सीजन प्लांट हैं. इसमें एक पीएम केयर्स फंड से बना है। जबकि दूसरा एसेंसर कंपनी द्वारा बनाया गया है. दोनो ही प्लांट चालू हैं. दोनो बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. इसमें एक प्लांट का क्यूरिटी 100 प्रतिशत है. जबकि दूसरे का 95 प्रतिशत है. जब हमारे टैंक क्यूरेटी 95 प्रतिशत से अधिक होता है, तभी वो बेड को सप्लाई होता है.

(REPORT- MOHAN PRAKASH SUPAUL)

Trending news