सरकार की सुस्ती से लोग परेशान, चंदा इकट्ठा कर ग्रामीणों ने तैयार कराया लोहे का पुल
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सरकार की सुस्ती से लोग परेशान, चंदा इकट्ठा कर ग्रामीणों ने तैयार कराया लोहे का पुल

 बिहार के मुजफ्फरपुर के चचरी क्षेत्र के नाम से प्रचलित कटरा के लोगों ने महज 20 दिन में चंदा जमा कर एक लोहे का पुल तैयार कर एक मिसाल कायम कर दिया. कई दशकों से पुल के लिए तरस रहे कटरा वासी तो 8 लाख रुपए चंदा इकठ्ठा कर लोहा का पुल तैयार किया है.

सरकार की सुस्ती से लोग परेशान, चंदा इकट्ठा कर ग्रामीणों ने तैयार कराया लोहे का पुल

मुजफ्फरपुर :  बाढ़ ग्रस्त इलाका के रूप में जाने जाना वाला मुजफ्फरपुर का कटरा प्रखंड में दर्जनों गांव ऐसे है, जहां लोग चचरी पुल से आवागमन करते हैं. एक गांव ऐसा भी जहां के ग्रामीणों ने अपने दम पर लोहे का एक पुल तैयार कर लिया है. बता दें कि जो काम सरकारी स्तर पर नहीं हुआ उसे ग्रामीणों ने अपने दम कर कर दिया है.

20 दिन में चंदा जमा कर ग्रामीणों ने तैयार किया पुल
बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर के चचरी क्षेत्र के नाम से प्रचलित कटरा के लोगों ने महज 20 दिन में चंदा जमा कर एक लोहे का पुल तैयार कर एक मिसाल कायम कर दिया. कई दशकों से पुल के लिए तरस रहे कटरा वासी तो 8 लाख रुपए चंदा इकठ्ठा कर लोहा का पुल तैयार किया है. गांव में आने जाने के लिए एक रास्ता तैयार कर दिया. जिसका उद्घाटन भी ग्रामीणों ने फीता काटकर किया. बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ से प्रभावित और कई दशकों से चचरी का दंश झेल रहे स्थानीय लोगों ने मंत्री और विधायक के तमाम बड़े-बड़े दावे और वादे को एक अनोखा रूप में जवाब दिया है. जहां अपने चंदे के पैसे से ग्रामीणों ने बना डाला एक पुल प्रखंड कार्यालय से कटने वाले इलाके के लोगों ने अनोखा कार्य किया है.

सरकार से पुल के लिए की थी मांग
मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के डुमरी गांव की दशा यह है कि बाढ़ आने के बाद 6 माह तक आवागमन की समस्या होती है और इस गांव की आबादी करीब 3 हजार के आसपास है. आजादी को 75 साल बीतने को आए पर इस गांव के लोगों को एक पुल नसीब नहीं हुआ. इस गांव से होकर लखनदेई नदी की धार बहती है और बाढ़ के समय आते ही इस गांव के लोग चिंतित हो उठते हैं. इनको आवागमन में काफी परेशानी होती है. खुद से चचरी पुल बनाकर आवागमन करते है चचरी का बना पुल कभी भी ध्वस्त हो जाता है. ग्रामीण दशकों से नेता मंत्रियों और विधायकों से फरियाद लगाते रह गए. सब जगह से आश्वासन मिला किसी ने पुल नही बनवाया तो थक हारकर अब ग्रामीणों ने खुद चंदा जमा कर पुल बनवाने का काम शुरू कर दिया. बता दें कि महज 20 दिन के भीतर ही ये पुल बनकर तैयार हो गया है. इस पुल को भी स्थानीय ग्रामीण ने बिना किसी नेता मंत्री और विधायक के बिना खुद ग्रामीण इसका फीता काट उद्घाटन कर लिया. स्थानीय ग्रामीण मो शाहिद ने बताया कि हमलोग सभी के घर घर जाकर चंदा जुटाए हैं करीब 8 लाख रुपये जमा हो गए है तो अब इसी के सहारे आवागमन करेंगे और यह कहते हैं कि अब कभी सरकार या किसी नेता मंत्री से फ़रियाद नहीं करेंगे जैसे भी होगा इसी पूल से आवागमन करेंगे.

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