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बगहा: Valmiki Tiger Reserve: बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघ और तेंदुए की मौत के बाद हड़कंप मच गया है. बाघों के आशियाना में दो बड़े जानवरों की मौत की खबर ने वन विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा किया है. इन सबके सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि रॉयल बंगाल टाइगर के मरने की खबर वन विभाग के कर्मचारियों को तीन दिन बाद लगी. करीब 900 वर्ग किलोमीटर में फैले वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में तेंदुए के साथ बाघ की मौत की खबर ने सनसनी मचा दी है.
टाइगर व तेंदुए का शव मिला
वाल्मिकी टाइगर रिजर्व जंगल से सटे रिहायशी इलाके में बाघ और तेंदुए के शव को वन विभाग ने बरामद कर लिया है.बाघ का शव रमपुरवा गांव से दूर गन्ने के खेत मे मिला तो वहीं तेंदुआ थोड़ी दूर स्थित धनैया रेता में मृत मिला. पोस्टमार्टम के बाद मौत के असली कारणों की जानकारी वन विभाग साझा करेगा. लेकिन फिलहाल मौत का कारण जानवरों के शिकार के लिए शिकारियों द्वारा लगाए गए हाई वोल्टेज करंट को बताया गया है. तार के करंट लगने से ही एक ही इलाके में एक तरफ तेंदुआ तो दूसरी तरफ जंगल का राजा कहे जाने वाला बाघ तड़प तड़प कर मौत हो गई है.
जांच में जुटी वन विभाग की टीम
बाघ की मौत के बाद वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल तो खड़ा जरूर हुआ है तो वहीं जंगल से सटे रिहायशी इलाकों में जानवरों के शिकार का भी बड़ा खुलासा हुआ है.ऐसे में देखने वाली बात होगी कि वन विभाग प्रशासन द्वारा ऐसे धरोहर और ए ग्रेड जानवरों में खासतौर पर वनराज बाघ व तेंदुए को संरक्षित करने के दिशा में आगे क्या कदम उठाये जाते हैं. इस बड़ी घटना में शामिल आरोपियों की पहचान कर कोई कार्रवाई की जाती है या नहीं.
इनपुट- इमरान अजीज