पुल का निर्माण करोड़ों की लागत से हुआ था. जिले के पत्थरघटी पंचायत के गोवामांड़ी गांव में करीब एक करोड़ 40 लाख की लागत से पुल का निर्माण किया गया था.
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किशनगंज: बिहार के किशनगंज जिले में उद्घाटन से पहले ही पुल बह गया. पुल का निर्माण करोड़ों की लागत से हुआ था. किशनगंज जिले के पत्थरघटी पंचायत के गोवामांड़ी गांव में करीब एक करोड़ 40 लाख की लागत से पुल का निर्माण किया गया था.
पिछले साल जून में पुल बनाने का काम शुरू हुआ था और इस साल जून तक पुल बनकर तैयार भी हो गया. बस अप्रोच पुल अभी नहीं बनी थी इसलिए लोगों चचरी के पुल के सहारे आना जाना शुरू कर दिया था. लेकिन इसके पहले कि पुल का उद्घाटन होता, 16 सितंबर को पुल पानी में बह गया.
#किशनगंज- उद्धाटन से पहले ही बह गया करोड़ों का पुल, पिछले साल ही हुआ था निर्माण pic.twitter.com/GSn3t5lOv0
— Zee Bihar Jharkhand (@ZeeBiharNews) September 18, 2020
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुल निर्माण में धांधली बरती गई है जिस वजह से पुल बह गया है. ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक महीने में नदी में उफान को लेकर यहां स्थिति काफी गंभीर बनी हुई थी लेकिन किसी ने सुध नहीं ली.
आखिर यहां के लोग अब कैसे आएंगे जाएंगे ये बहुत बड़ा और बेहद गंभीर सवाल खड़ा हो गया है. आपको बता दें कि कुछ महीनों पहले गोपालगंज में भी नए बने अप्रोच पुल के टूट जाने से राज्य में जमकर सियासत हुई थी.
वहीं, तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, किशनगंज़ जिला में करोड़ो की लागत से निर्माणाधीन सुशासनी पूल उद्घाटन से पहले टूट गया. देखते है 15 वर्षों की भ्रष्टाचारी सरकार और 60 घोटालों के प्रबन्ध संरक्षक कर्ता नीतीश कुमार और सुशील मोदी इसका दोष विपक्ष या प्रकृति में से किसे देते है?'
किशनगंज़ जिला में करोड़ो की लागत से निर्माणाधीन सुशासनी पूल उद्घाटन से पहले टूट गया।
देखते है 15 वर्षों की भ्रष्टाचारी सरकार और 60 घोटालों के प्रबन्ध संरक्षक कर्ता श्री नीतीश कुमार और सुशील मोदी इसका दोष विपक्ष या प्रकृति में से किसे देते है? #ActofNitish
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 17, 2020
बहरहाल, इस मामले में राज्य में सियासत होना तय है. जेडीयू और बीजेपी इस मामले पर प्रतिक्रिया देती है ये भी देखने वाली बात होगी.