बिहार: जाप का डिजिटल कैंपेन शुरू, पप्पू ने कहा, 'सरकार दे कोरोना भत्ता'
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बिहार: जाप का डिजिटल कैंपेन शुरू, पप्पू ने कहा, 'सरकार दे कोरोना भत्ता'

पप्पू यादव ने कहा, "प्रधानमंत्री देशहित में जो फैसला लेंगे मैं उनका साथ दूंगा. लेकिन मेरी मांग है कि सरकार लोगों के लिए जीवनरक्षक सामग्री नि:शुल्क मुहैया कराए. सरकार की ओर से पैकेज की घोषणा करना सबसे ज्यादा आवश्यक और सम्मानजनक है न कि ताली या थाली बजाना."

पप्पू यादव ने डिजिटल कैंपेन शुरू करते हुए कहा- सरकार सबको दे भत्ता. (फाइल फोटो)

पटना: जन अधिकार पार्टी (जाप) के अध्यक्ष पप्पू यादव ने शनिवार को अपना डिजिटल कैम्पेनिंग की शुरू कर दी, जिसका नाम 'बदलेंगे हम बिहार' रखा गया है. इस दौरान टिक टॉक अकाउंट, व्हाट्स एप, यूट्यूब चैनल और इन्स्टाग्राम लांच किया गया. इस मौके पर पप्पू यादव ने सरकार से लोगों को एक सप्ताह का कोरोना भत्ता देने की मांग की. 

डिजिटल कैम्पेन को लांच करते हुए पप्पू ने कहा कि देश-विदेश के लोग इस अकाउंट से जुड़ कर बिहार के बदलाव में अपना योगदान दे सकते हैं.

इस मौके पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पप्पू ने कहा, "भारत सरकार ने कर्फ्यू को लेकर एक एडवायजरी जारी की है, जो आपत्तिजनक है. भारत में 66 प्रतिशत लोग डेली वेजेज (दैनिक मजदूर) हैं, जो रोज कमाते हैं और खाते हैं. लेकिन इस कर्फ्यू में गरीब लोगों को भोजन देने के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है. सरकार को एक सप्ताह का कोरोना भत्ता देना चाहिए, जिससे लोग अपने घर में रहकर कोरोना से बच सकें."

उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों के लिए सेनेटाइजर, मास्क मुहैया कराए .

पप्पू यादव ने कहा, "प्रधानमंत्री देशहित में जो फैसला लेंगे मैं उनका साथ दूंगा. लेकिन मेरी मांग है कि सरकार लोगों के लिए जीवनरक्षक सामग्री नि:शुल्क मुहैया कराए. सरकार की ओर से पैकेज की घोषणा करना सबसे ज्यादा आवश्यक और सम्मानजनक है न कि ताली या थाली बजाना."

उन्होंने आगे कहा, "सरकार कह रही है दिन में कई बार 20 सेकेंड तक हाथ धोएं. यदि किसी को बुखार-खांसी हो तो भीड़ से बचें और गर्म पानी पीएं. लेकिन फुटपाथ पर रहने वाले लोग पानी गर्म करने के लिए गैस कहां से लाएंगे और दिहाड़ी मजदूर अगर घर में रहेंगे तो खाएंगे क्या?"

उन्होंने कहा कि "राज्य की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था कोरोना से लड़ने में नाकाफी है. अस्पताल में बेड फुल हैं और मरीजों को घर भेज दिया जा रहा है. दवा और एंबुलेंस का इंतजाम ढंग से नहीं किया गया है और स्वास्थ्य महकमे से जुड़े लोगों को ऐसे ही छोड़ दिया गया है."
Input:-IANS