पटना का डाक बंगला चौराहा राजधानी के सबसे व्यस्त चौराहे में शामिल है. यहां ट्रैफिक में गाड़ियों को लंबा इंतजार करना पड़ता है और इसलिए यातायात नियमों का उल्लंघन भी बड़े पैमाने पर होता है.
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पटना: बिहार के पटना में परिवहन विभाग ने नया प्रयोग करते हुए गाड़ियों का चालान एक खास किस्म की डिवाइस हैंड हेल्ड से करने का फैसला किया है. आज इसकी औपचारिक शुरुआत पटना के 8 जगहों से की गई. धीरे-धीरे बिहार के सभी जिलों में हैंड हेल्ड से ही गाड़ियों का चालान काटा जाएगा.
पटना का डाक बंगला चौराहा राजधानी के सबसे व्यस्त चौराहे में शामिल है. यहां ट्रैफिक में गाड़ियों को लंबा इंतजार करना पड़ता है और इसलिए यातायात नियमों का उल्लंघन भी बड़े पैमाने पर होता है. परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस ने सबसे पहले डाक बंग्ला चौराहे से ही हैंड हेल्ड डिवाइस के जरिए चालान काटने का फैसला किया. हैंड हेल्ड यानि वो डिवाइस या तकनीक जिसके जरिए गाड़ियों का सिर्फ नंबर डालने पर ही पूरी जानकारी ट्रैफिक पुलिस के सामने होगी.
पटना में यातायात नियमों का उल्लंघन कोई बड़ी बात नहीं है. कई बार परिवहन विभाग ने विशेष अभियान के जरिए यातायात नियमों को तोड़ने वालों पर कार्रवाई की लेकिन उसका खास असर नहीं हुआ जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को हैंड हेल्ड डिवाइस की ट्रेनिंग दी गई और आज उसे अपनाया जा रहा है.
दरअसल हैंड हेल्ड डिवाइस एक ऐसी डिवाइस है जिसमें सिर्फ गाड़ी का नंबर डालने पर पूरी जानकारी प्रशासन के सामने होगी. मसलन,गाड़ी के मालिक ने कितनी बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया, गाड़ी का बीमा है या नहीं, प्रदूषण जांच के प्रमाण पत्र हैं या नहीं, बिना परमिट के गाड़ी चल रही है या नहीं. पकड़ी गई गाड़ी चोरी की है या फिर असली, ये सारी जानकारी हैंड हेल्ड डिवाइस के माध्यम से ट्रैफिक पुलिस को मिलेगी.
आज पटना में 8 जगहों पर हैंड हेल्ड डिवाइस के जरिए गाड़ियों का चालान काटा गया. परिवहन विभाग की इस पहल यातायात उल्लंघन में कमी आ सकती है. हैंड हेल्ड डिवाइस से पुलिस को भी फायदा पहुंचेगा. फायदे इस मामले को लेकर कि हैंड हेल्ड डिवाइस में चोरी की गाड़ियों को भी पहचानने की तकनीक है. पटना में गाड़ी चोरी की घटना आम है इसलिए इस तकनीक से परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस दोनों राहत का अनुभव कर रही है.