उधर, अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष की ओर से रिएक्शन भी आने लगे हैं. विपक्षी समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ऐसा लगता है कि जान-बूझकर ऐसा माहौल क्रिएट किया जा रहा है.
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पटना: प्रयागराज के अस्पताल में मीडियाकर्मियों से बात कर रहे अतीक अहमद और उसके भाई की गोली मारकर हत्याकांड का यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने तत्काल संज्ञान लेते हुए इस मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग गठन के भी निर्देश दिए. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस वारदात के बाद उच्चाधिकारियों की बड़ी बैठक बुलाई. सीएम योगी ने पुलिस अधिकारियों से एहतियातन उपाय किए जाने पर भी बल दिया. उनके निर्देश के बाद ही पूरे यूपी में धारा 144 लगा दी गई है और खासतौर से प्रयागराज में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. आसपास के जिलों की पुलिस फोर्स को प्रयागराज पहुंचने को कहा गया है. इसके साथ ही प्रयागराज में पीएसी, आरएएफ, स्वाट कमांडो की भी तैनाती कर दी गई है और संवेदनशील स्थानों पर गश्त की जा रही है.
उधर, अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष की ओर से रिएक्शन भी आने लगे हैं. विपक्षी समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ऐसा लगता है कि जान-बूझकर ऐसा माहौल क्रिएट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब सुरक्षाघेरे में लोग सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता का क्या होगा. उधर, योगी सरकार में मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, जब अपराध अपने चरम पर पहुँच जाता है... यह प्रकृति का निर्णय है.
उधर, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, अतीक और उनके भाई की हत्या योगी की कानून व्यवस्था की बड़ी विफलता का एक आदर्श उदाहरण है. इस हत्या के लिए एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी उतने ही जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा, जिस समाज में हत्यारों का जश्न मनाया जाता है, वहां आपराधिक न्याय प्रणाली का क्या फायदा.
बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा, यूपी पुलिस को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल होते देखना निराशाजनक है. कोर्ट दोषियों को सजा देती है. इस हत्याकांड ने राज्य सरकार की सत्ता को चुनौती दी है. यह शुद्ध अराजकता है. उधर, कानपुर से खबर है कि अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद शहर में आतिशबाजी की जा रही है. बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने विष्णुपुरी में आतिशबाजी की और जय श्री राम के नारे लगाए.
प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने कहा, कानून व्यवस्था सामान्य है और संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है. मेंडेटरी जांच के लिए अतीक अहमद और अशरफ प्रयागराज लाए गए थे. शूटर मीडियाकर्मी के रूप में आए थे. बाइट लेने की कोशिश करते हुए उन्होंने फायरिंग कर दी, जिसमें अतीक अहमद और अशरफ की जान चली गई. उधर, एडीजी लाॅ एंड आॅर्डर प्रशांत कुमार ने यूपी पुलिस को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गोलियों से भून दिया गया, अतीक अहमद के वकील का कहना है कि उन्हें 10 गोलियां दागी गई हैं. यह वारदात तब हुई, जब अतीक अहमद और अशरफ को मेडिकल के लिए मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय में लाया गया था. दोनों का मर्डर कैमरे के सामने उस समय हुआ, जब दोनों पत्रकारों से बात कर रहे थे. दोनों शवों को अस्पताल के मोर्चरी में ले जाया गया है. घटना के बाद से यूपी के अलावा पूरे देश में सियासी घमासान छिड़ गया है.
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