Ahoi Ashtmi 2023 : अहोई अष्टमी व्रत की पूजा का क्या शुभ मुहूर्त, जानें कब निकलेंगे तारे और चंद्रमा, यहां जानें
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Ahoi Ashtmi 2023 : अहोई अष्टमी व्रत की पूजा का क्या शुभ मुहूर्त, जानें कब निकलेंगे तारे और चंद्रमा, यहां जानें

Ahoi Ashtmi 2023 :  व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:39 PM से 6:56 PM तक है, जिसकी अवधि 1 घंटा 17 मिनट है. इस समय में महिलाएं अहोई माता की पूजा करती हैं. इसके साथ ही तारों को देखने के लिए शाम का समय 6:03 PM है, जब तारों का दर्शन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.

Ahoi Ashtmi 2023 : अहोई अष्टमी व्रत की पूजा का क्या शुभ मुहूर्त, जानें कब निकलेंगे तारे और चंद्रमा, यहां जानें

Ahoi Ashtmi : अहोई अष्टमी का व्रत जिसे महिलाएं बड़े श्रद्धा भाव से मनाती हैं. इसे कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के रूप में मनाया जाता है. यह व्रत मातृत्व और संतान की लंबी आयु के लिए प्रार्थना के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. व्रत के दिन महिलाएं बिना पानी पिए निर्जला उपवास करती हैं. इसके बाद शाम को तारों के दर्शन करने के बाद व्रत खोला जाता है. तारों के दर्शन के बाद अहोई माता की पूजा की जाती है और संतान के सुख की प्रार्थना की जाती है.

  1. अहोई अष्टमी के दिन तारों को देखने के लिए शाम का समय 6:03 PM है. इस समय महिलाएं तारों के दर्शन करती हैं, जो उनके व्रत के महत्वपूर्ण हिस्से में से एक है.
  2. चंद्रमा का समय रात 11:29 PM है. यह अहोई अष्टमी के दिन का महत्वपूर्ण समय है. इस समय पर भी श्रद्धा भाव से व्रत का पालन करना चाहिए और माता आहोई की पूजा करना चाहिए.

अहोई अष्टमी के दिन महिलाएं अहोई माता की पूजा करती हैं. इसके लिए वे गेरू पर अहोई माता का चित्र बनाती हैं और साथ ही उनके सात पुत्रों का भी चित्र बनाती हैं. पूजा के लिए विभिन्न सामग्री की आवश्यकता होती है. जैसे कि मूर्ति, माला, दीपक, करवा, अक्षत, पानी का कलश, पूजा रोली, दूब, कलावा, श्रृंगार का सामान, श्रीफल, सात्विक भोजन, बयाना, चावल की कोटरी, सिंघाड़े, मूली, फल, खीर, दूध, वस्त्र, चौदह पूरी और आठ पुए. व्रत के दिन तारों के दर्शन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए शाम के समय को ध्यान से देखना चाहिए. तारों को देखने के बाद, पूजा का अधिष्ठान लिया जाता है, और महिलाएं अहोई माता की कृपा के साथ व्रत खोलती हैं.

व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:39 PM से 6:56 PM तक है, जिसकी अवधि 1 घंटा 17 मिनट है. इस समय में महिलाएं अहोई माता की पूजा करती हैं. इसके साथ ही तारों को देखने के लिए शाम का समय 6:03 PM है, जब तारों का दर्शन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय समय भी देखा जा सकता है और यह समय रात 11:29 PM पर है. इन समयों का पालन करके महिलाएं अपने व्रत का पालन कर सकती हैं और संतान के सुख की प्रार्थना कर सकती हैं.

इस व्रत का मुख्य उद्देश्य होता है संतान की लंबी आयु और सुख के लिए प्रार्थना करना और यह व्रत चांद और तारों पर आधारित है. मान्यता है कि अहोई अष्टमी के व्रत से संतान के संकट दूर हो जाते हैं. इसके साथ ही इस व्रत का मान्यता में अहम भूमिका है, और तारों के दर्शन का समय भी महत्वपूर्ण है. अगर आप इस व्रत को मनाने का निश्चित हो तो उपरोक्त मुहूर्त का पालन करें और व्रत की पूजा-अर्चना को ध्यानपूर्वक करें. इसके साथ ही व्रत के नियमों और परंपराओं का भी पालन करें. जिससे आपकी प्रार्थना सुनी जा सके और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आए.

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