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प्रयागराज: पहले झांसी में पुलिस एनकाउंटर में अतीक अहमद का बेटा असद अहमद ढेर हो गया. इसके बाद शनिवार की रात अस्पताल ले जाते समय तीन शूटरों ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी. इस हत्याकांड के बाद तीनों आरोपियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. आपको बता दें कि तीनों शूटर पत्रकार के रूप में यहां आए थे और पुलिस की सुरक्षा घेरे के बीच ही अशरफ और अतीक को गोलियों से छलनी कर दिया.
अब ताजा खुलासे की मानें तो अशरफ और अतीक की हत्या का सीधा तार पंजाब के सिंगर सिद्धू मूसेवाला की भी हत्या से जुड़ता दिख रहा है. पुलिस के हत्थे जो तीन आरोपी इस हत्याकांड को अंजाम देने के दौरान चढ़े हैं उनमें लवलेश, अरुण और सनी हैं. जिनमें से एक बांदा, दूसरा हमीरपुर वहीं तीसरा कासगंज जिले का रहनेवाला है. बता दें कि अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में जो पिस्टल इस्तेमाल किया गया वह मेड इन तुर्की है. इस जिगना पिस्टल का इस्तेमाल ही सिद्धू मूसेवाला की भी हत्या में भी हुआ था.
बता दें कि भारत में इस जिगना मेड पिस्टल की बिक्री नहीं होती है जबकि यह पाकिस्तान से अवैध तरीके से भारत में लाया जाता है. इसकी कीमत 6 से 7 लाख रुपए के बीच की बताई जा रही है. अब पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतनी महंगी पिस्टल को यहां कैसे लाया गया और इन अपराधियों तक ये पिस्टल कैसे पहुंचा. इन लोगों को अतीक और अशरफ की हत्या के लिए ये पिस्टल किसने दी.
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सूत्रों की मानें तो ड्रोन के जरिए भारत की सीमा में पाकिस्तान से इस पिस्टल को पहुंचाया जाता है. यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक गन है. इसमें अगर एक बार फायरिंग के लिए तैयार कर लिया जाता है तो फिर पूरी की पूरी मैगजीन खाली हो जाती है. इसी कारण शायद अतीक और अशरफ की हत्या में इस पिस्टल का इस्तेमाल किया गया. ऐसे में अपराधियों नें 40 सेकंड के अंदर 18 राउंड से ज्यादा फायरिंग कर अतीक और अशरफ को ढेर कर दिया.
इस घटना के तुरंत बाद तीनों अपराधियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. आपको बता दें कि अब अतीक और अशरफ की हत्या के तार इस वजह से सिद्धू मूसेवाला से जोड़े जा रहे हैं क्योंकि दोनों ही हत्याकांड में एक ही किस्म के हथियार का इस्तेमाल किया गया है.