बिहार में जहरीली शराब से 21 लोगों की मौत,नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, जानें सीएम कौनसा उठाएंगे अगला कदम
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बिहार में जहरीली शराब से 21 लोगों की मौत,नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, जानें सीएम कौनसा उठाएंगे अगला कदम

शराबबंदी वाले बिहार राज्य में शराब पीने से मौत का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ रहा है. छपरा में हुई यह मौतें जहरीली शराब पीने की वजह से हुई है. इसके अलावा कई अन्य लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.

बिहार में जहरीली शराब से 21 लोगों की मौत,नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, जानें सीएम कौनसा उठाएंगे अगला कदम

पटना:Bihar sharab bandi: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के उज्ज्वल भविष्य और समाज में आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम को लेकर अपने कार्यकाल में तमाम योजनाओं पर कार्य किया.इसी तरह उन्होंने बिहार मुक्त शराब का सपना देखा और इस सपने का साकार भी किया.मुख्यमंत्री ने बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम के तहत अप्रैल 2016 में राज्य में शराबबंदी लागू की थी.इस योजना का राज्य की महिलाओं को भरपूर समर्थन भी मिला,हर महिला की इच्छा भी यहीं थी कि किसी तरह राज्य में शराबबंदी हो जाए.बिहार में कहने को पूर्ण शराबबंदी है,लेकिन राज्य में शराब का कारोबार करने वाले लोग खूब फलफूल रहे है.इस बीच जहरीली शराब पीने से मौत का ग्राफ भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.बिहार में बुधवार को नकली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हो गई है.

बिहार में शराब बन रही मौत का मुख्य कारण
बता दें कि शराबबंदी वाले बिहार राज्य में शराब पीने से मौत का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ रहा है. छपरा में हुई यह मौतें जहरीली शराब पीने की वजह से हुई है. इसके अलावा कई अन्य लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.हालांकि,जिला प्रशासन की तरफ से शराब पीने से मौत की पुष्टि नहीं की हुई है. स्थानीय लोगों के अनुसार मृतकों ने देर शाम शराब पीया था.गंभीर रूप से बीमार सभी लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.इस घटना के बाद से प्रशासन अलर्ट मोड पर है.बता दें कि सारण के मशरक,इसुआपुर,मढ़ौरा,अमनौर प्रखंड क्षेत्रों में संदिग्ध परिस्थितियों में कई लोगों की मौत के बाद डीएम ने इन प्रखंडों के सीमावर्ती क्षेत्रों विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर बीमार लोगों की पहचान कर रहे हैं.अब देखना होगा की शराबबंदी को लेकर सीएम नीतीश कुमार अगला क्या कदम उठाएंगे.

लोगों में जागरूकता का है अभाव
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी जागरूकता का अभाव है.सरकारी अस्पतालों में शराब पीने से मौत का ग्राफ बढ़ रहा है,लेकिन उसके बाद भी लोग शराब पीने से बाज नहीं आ रहे हैं.शराब पीने वाले नशे के लिए विभिन्न प्रकार के बहाने बनाकर अपनी मौत को न्योता दे रहे हैं.यह हाल तब है जब प्रशासन और उत्पाद विभाग द्वारा शराबबंदी को लेकर अभियान चलाया जाता है.प्रशासन के अभियान के बाद भी लोग जागरूक नहीं हो रहे है.सरकारी अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार पिछले एक महीने करीब 50 से अधिक मौत हो चुकी है.

साथ ही बता दें कि सिविल सर्जन डॉ.सागर दुलार सिन्हा ने सारण के डीएम तथा एसपी के संयुक्त आदेश के बाद किया है.टीम इसुआपुर प्रखंड के डोइला,मशरक प्रखंड के जादोपुर,मढ़ौरा प्रखंड के हसनपुर व अमनौर प्रखंड के हुस्सेपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में लोगों की हुई मौत या बीमार का सर्वेक्षण करेगी.

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