देश के अधिकतर जगहों पर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है, तो इसका असर अब बिहार में भी देखने को मिल रहा है.
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Patna: बिहार में धीमी होती कोरोना की रफ्तार और नए केस में कमी को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अनलॉक-6 के तहत लोगों को अधिक रियायत दी है. ऐसे में हम सभी बिहारवासियों को कोविड के अनुकूल व्यवहार के साथ सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. लापरवाही के कारण ही केरल की हालत चिंताजनक बनी हुई है.
देश के अधिकतर जगहों पर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है, तो इसका असर अब बिहार में भी देखने को मिल रहा है. कोरोना के नए केस के साथ-साथ एक्टिव मामलों में भी कमी आ रही है.
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इस कमी को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने अनलॉक-6 के तहत धार्मिक स्थल, विश्वविद्यालय, के साथ सभी प्रकार के सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन करने की अनुमती दी है. ऐसे में हम सभी को कोविड के अनुकूल व्यवहार के साथ सावधानी बरतना बेहद जरूरी है क्योंकि जरा सी लापरवाही भी बहुत भारी पड़ेगी.
अभी बिहार में पिछले कई दिनों से कोरोना के नए केस में काफी कमी देखने को मिल रहीं. वहीं दूसरी तरफ लोगों की लापरवाही और सरकार की ढिलाई के कारण केरल की हालत चिंताजनक है. केरल के जिम्मेदार अधिकारियों और सरकार की लापरवाहियों की वजह से पूरे देश पर तीसरी लहर का खतरा मंडराने लगा है. पिछले कई दिनों से केरल में 30 हजार से अधिक नए कोरोना के केस मिल रहे. केरेल में बिते 24 घंटे में 32 हजार से अधिक नए कोरोना के केस मिले है.
बिहार में धीमी पड़ी कोरोना की रफ्तार
बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रभाव दिनों दिन कम होता जा रहा है,बिहार स्वास्थ्य विभाग के आकंड़ों के अनुसार राज्य में अभी 114 कोविड के एक्टिव मरीज है. विगत 24 घंटे में कुल 1,70,198 सैम्पल की जांच की गई जिसमें 21 नए केस सामने आए है. विगत 24 घंटे में 11 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर गए.
अबतक बिहार में कुल 7,15,905 मरीज ठीक हुए हैं. वर्तमान में बिहार में कोरोना मरीजों का रिकवरी प्रतिशत 98.63 है. बिहार में अभी तक कोरोना से 9652 लोगों की मौत हुई है. बिते 24 घंटे में बिहार के 25 जिलों में कोई भी नया केस नहीं मिला है.
काबू में आ चुकी महामारी हो सकती है बेकाबू
बिहार में जैसे-जैसे कोरोना महामारी की दूसरी लहर में कमी देखने को मिल रही है,वैसे-वैसे लोग लापरवाही भी बरतने लगे है. महामारी की गति धीमी हुई तो लोगों के चेहरे से मास्क लगभग उतर गया. सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना से बचाव का असली कवच है, पर लोग इस सुरक्षा कवच को पूरी तरह से नजरअंदाज कर रहे हैं.
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में जानमाल के काफी नुकसान के बाद भी लोग सतर्कता नहीं बरत रहे हैं. लोगों की इस बढ़ती लापरवाही से कोरोना के तीसरे लहर की संभावना बनती नजर आ रही है. अगर ऐसे ही लापरवाही जारी रही तो काबू में आ चुकी महामारी एक बार फिर बेकाबू हो सकती है, और इसके लिए सिर्फ इंसानी लापरवाही जिम्मेदार होगा.
तीसरी लहर की तैयारियों के बीच वैक्सीनेशन में तेजी
राज्य के 11 जिलों में PICU (बाल सघन चिकित्सा इकाई) का संचालन हो रहा है. साथ ही मेडिकल कॉलेजों में PICU वार्ड क्रियाशील हैं. जिन अस्पतालों में बच्चों के लिए वार्ड नहीं हैं, वहां नये वार्ड बनाने की तैयारी भी चल रही है, तो दूसरी ओर वैक्सीनेशन में भी तेजी देखने को मिल रहा है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के अनुसार बिहार में अब तक 3 करोड़ 24 लाख से अधिक डोज दिया जा चुका है.
अब वैक्सीन की आवक बढ़ाई जा रही है. अब प्रतिदिन औसतन 3 लाख वैक्सीन लगायी जाएगी. सितंबर से अक्टूबर महीने तक छह करोड़ टिका लगाने का लक्ष्य जो सरकार ने तय किया है उसको पूरा किया जाएगा. कोरोना के संभावित तिसरी लहर को देखते हुए अगले तीन महीने के अंदर एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम युक्त एम्बुलेंस सभी प्रखंड में दिए जाएंगे.
(इनपुट-नवजीत)
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