Bihar Diwas 2024: बिहार हर साल 22 मार्च को अपना स्थापना दिवस मना रहा है. साल 1912 में अंग्रेजों ने बंगाल से अलग करके इसे एक नई पहचान दी थी. इसके बाद से बिहार की पहचान में काफी कुछ नया जुड़ता गया.
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पटनाः Bihar Diwas 2024: बिहार हर साल 22 मार्च को अपना स्थापना दिवस मना रहा है. साल 1912 में अंग्रेजों ने बंगाल से अलग करके इसे एक नई पहचान दी थी. इसके बाद से बिहार की पहचान में काफी कुछ नया जुड़ता गया. आइए आज बिहार दिवस के मौके पर आपको बिहार राज्य के उन चिन्ह के बारे में बताते है जो राजकीय प्रतीक चिन्ह है.
बिहार का राजकीय चिन्हः बोधि वृक्ष
बिहार का राजकीय चिन्ह बोधि वृक्ष दो स्वास्तिक से घिरा हुआ है. बिहार के गया जिले के महाबोधि मंदिर का पीपल का वृक्ष बोधि वृक्ष कहलाता है. ऐसा कहा जाता है कि 531 ईसा पूर्व में एक वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था.
बिहार का राजकीय पशु: बैल
बिहार का राजकीय पशु बैल है. पहले के समय में किसान खेती बैल से करते थे, बैल बिहार की कृषि प्रधानता का प्रतीक है. साल 2013 में बैल को बिहार के राजकीय पशु के रूप में अपनाया गया.
बिहार का राजकीय पक्षी: गौरैया
बिहार का राजकीय पक्षी गौरैया है. पहले के समय में गौरैया की आवाज से ही लोगों की नींद खुल जाती थी. फिर धीरे-धीरे बढ़ते प्रदूषण और बढ़ती आबादी के वजह से इनकी संख्या में कमी आने लगी. जिसके बाद गौरैया के संरक्षण के लिए बिहार सरकार ने साल 2013 में इसे राजकीय पक्षी के रूप में अपनाया. बता दें कि गौरैया से पहले बिहार का राजकीय पक्षी नीलकंठ था.
बिहार का राजकीय पुष्प: गेंदा
बिहार का राजकीय पुष्प गेंदे का पुष्प है. गेंदे का पुष्प एक ऐसा पुष्प है जो बिहार के हर घर में पाया जाता है. लोगों में इसकी लोकप्रियता के वजह से गेंदे के पुष्प को साल 2013 में बिहार के राजकीय पुष्प का दर्जा दिया. बता दें कि गेंदे के फूल के पहले बिहार का राजकीय पुष्प कचनार का फूल था.
बिहार का राजकीय वृक्ष: पीपल
बिहार का राजकीय वृक्ष पीपल का वृक्ष है. बिहार में पीपल का वृक्ष ज्ञान और परंपरा का प्रतीक माना जाता है. जिसके वजह से पीपल के वृक्ष को बिहार के राजकीय वृक्ष का दर्जा दिया गया.
बिहार का राजकीय खेल: कबड्डी
बिहार का राजकीय खेल कबड्डी है. बिहार के साथ-साथ पंजाब, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश का भी राजकीय खेल कबड्डी है.
बिहार की राजकीय भाषा: हिन्दी
भारत का पहला ऐसा राज्य बिहार है, जिसने हिंदी को सबसे पहले अपना आधिकारिक भाषा घोषित किया था. साल 1881 तक बिहार की आधिकारिक भाषा उर्दू थी. जिसके बाद उर्दू को बिहार की दूसरी राजकीय भाषा का दर्जा दिया गया.
बिहार का राज्य गीत
बिहार का खुद का राज्य गीत 'मेरे भारत के कंठहार...' है. बिहार के राज्य गीत को कवि सत्यनारायण ने लिखा है. इस गीत को आधिकारिक तौर पर साल 2012 में अपनाया गया था.
बिहार का राज्य प्रार्थना गीत
बिहार का राज्य प्रार्थना गीत 'मेरे रफ्तार पर सूरज की किरण नाज करें....' है. इस प्रार्थना गीत को बिहार के मुजफ्फरपुर के एमआर चिश्ती ने लिखा है.
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