बिहार सरकार महादलित शब्द को खत्म करने की तैयारी में है. सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि बिहार में अब सिर्फ अनुसूचित जाति रह जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती के अवसर पर सीएम नीतीश कुमार इसकी घोषणा कर सकते हैं.
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पटना : बिहार सरकार महादलित शब्द को खत्म करने की तैयारी में है. सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि बिहार में अब सिर्फ अनुसूचित जाति रह जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती के अवसर पर सीएम नीतीश कुमार इसकी घोषणा कर सकते हैं. महेश्वर हजारी के मुताबिक, 'महादलित से पासवान समाज उपेक्षित महसूस कर रहा था. हम पहले से सरकार से इसे ख्तम करने की मांग कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने हमारी मांग पर विचार किया.' उन्होंने कहा कि संविधान में महादलित नाम का कोई शब्द है ही नहीं.
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अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार में महादलितों में सबसे मुसहर और पासी जाति के लोग शामिल हैं. मुसहर जाति की आबादी जहां 21 लाख 12 हजार को करीब है वहीं, पासी जाति के लोगों की संख्या लगभग सात लाख 11 हजार है. महादलित में सबसे कम संख्या घासी जाति के लोगों की है. बिहार में उनकी आबादी मात्र 674 है.
जिलों के लिहाज से गया में सर्वाधिक महादलित रहते हैं. यहां इनकी संख्या 6 लाख 64 हाजार के करीब है. इसके बाद नवादा, पटना और पूर्णिया आदि में रहते हैं.