Bihar Samachar: घंटों मामला दर्ज कराने के लिए अधिकारी थाने में बैठे रहे लेकिन अंत में थाना प्रभारी मामला दर्ज करने नहीं पहुंचे.
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Patna: बिहार से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है. दरअसल, राजधानी पटना में शनिवार को एक केस दर्ज कराने के लिए सचिव स्तर के अधिकारी घंटों थाने में बैठे रहे लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया. जानकारी के अनुसार, सचिव स्तर के अधिकारी सुधीर कुमार (IAS Sudhir Kumar) की अपील पर थाने में किसी ने FIR तक दर्ज नहीं किया.
दरअसल, पटना के गर्दनीबाग स्थित SC-ST थाने में कागजातों के साथ IAS अधिकारी सुधीर कुमार पहुचे थे. यहां घंटों मामला दर्ज कराने के लिए अधिकारी थाने में बैठे रहे लेकिन अंत में थाना प्रभारी मामला दर्ज करने नहीं पहुंचे. बाद में मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी ने यह कहते हुए FIR दर्ज करने से मना कर दिया की FIR कि कॉपी अंग्रेजी में लिखी गई है.
इसके बाद थाने से आईएएस अधिकारी के खाली हाथ वापस अपने घर लौटना पड़ा. बीएसएससी के पूर्व सचिव सुधीर कुमार ने लिखित में SC-ST थाने में आवेदन दिया है. इस आवदेन में उन्होंने कहा कि जालसाजी का आरोप लगाकर उन्हें फंसाया जा रहा है. यही वजह है कि कागजात और गलत एविडेन्स लगाकर फंसाने वालों को जवाब देने के लिए वह सभी जरूरी कागज लेकर थाने पहुंचे हैं. इस दौरान सुधीर कुमार ने कई आईपीएस, आईएस अफसर समेत सरकार पर झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया है.
इससे पहले भी FIR दर्ज कराने पहुंचे थे IAS सुधीर
इससे पहले भी पांच मार्च को शाश्त्री नगर थाने में एफआईआर करने गए थे आईएस सुधीर कुमार. इसके अलावा, उन्होंने इस मामले में एसएसपी उपेन्द्र शर्मा और डीएसपी राजेश कुमार को भी आवेदन दिया था.
चार माह बाद भी एफआईआर नहीं हुआ तब सुधीर कुार एससी-एसटी थाने पहुंचे थे.
'BSSC अध्यक्ष रहते हुए 2014 में हुआ था पेपर लीक'
गौरतलब है कि सुधीर कुमार के BSSC अध्यक्ष रहते हुए 2014 में इंटर स्तरीय संयुक्त परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. पेपर लीक मामले में 2017 में निलंबित किये गए थे. निलंबन के बाद गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. यही नहीं तीन साल से अधिक समय तक जेल में भी आईएस सुधीर कुमार बंद थे.
'मामला ने सियासी रंग ले लिया'
एक सीनियर अधिकारी का थाने में मामला दर्ज नहीं होने पर मामला ने सियासी रंग ले लिया और विपक्ष की ओर से तेजस्वी ने भी बड़े सवाल खड़े किया. इस मामले में तेजस्वी यादव ने कहा कि सुधीर कुमार मुख्यमंत्री (CM Nitish Kumar) और अधिकारियों पर FIR दर्ज करने पहुंचे थे. पर बिहार में FIR तक दर्ज नहीं होता. बिहार में सचिव स्तर के अधिकारी की भी नहीं सुनी जाती तो आम आदमी की कौन सुनेगा. तेजस्वी ने कहा कि किस बात से सीएम नीतीश कुमार डर रहे हैं. मुझ पर भी FIR दर्ज हुआ था तो मैंने खुलकर कहा था कि कानून जो भी करवाई करनी चाहे करे.