बिहार: RJD कार्यालय जमीन विवाद पर मचा हंगामा, राजद बोली-'लेकर रहेंगे हक'
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बिहार: RJD कार्यालय जमीन विवाद पर मचा हंगामा, राजद बोली-'लेकर रहेंगे हक'

Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में राजद कार्यालय जमीन विवाद पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि जमीन नालंदा से भी नहीं आती है. 

राजद कार्यालय जमीन विवाद पर लगातार सियासी राजनीति तेज हो रही है (सांकेतिक फोटो)

Patna: बिहार की राजनीति में अब जमीन का मुद्दा जंजाल बनता नजर आ रहा है. आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने पत्र लिखकर बिहार सरकार से पार्टी ऑफिस के विस्तार के लिए जमीन की मांग की थी, जिसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भड़कते हुए कहा था कि जमीन आसमान से नहीं आती है. सीएम के इस बयान के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

तेज प्रताप से डरे तो नए ऑफिस की मांग
आरजेडी के कार्यालय विस्तार की मांग पर बीजेपी हमलावर है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के डर से जगदानंद सिंह को अलग कार्यालय चाहिए. उन्होंने कहा कि तेज प्रताप यादव अपना रूप दिखा रहे हैं इसिलए जगदानंद सिंह डर गए हैं.

एहसान को भूल गई आरजेडी- BJP
उधर, बीजेपी नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि 2006 में एनडीए सरकार ने ही सभी पार्टियों को कार्यालय दिया था. इतना ही नहीं सभी पार्टियों ने अपने स्वेच्छा से कार्यालय का चयन किया था. उन्होंने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी मुख्यमंत्री के एहसानों को भूल गई है. पहले आरजेडी की विधायक दल के नेता लायक भी संख्या नहीं थी, फिर भी एनडीए ने आगे बढ़कर आरजेडी को कार्यालय के लिए जगह दी. उन्होंने कहा कि आरजेडी पहले अपने घर का झगड़ा सुलझाए अगर कलह रहेगी तो फिर कार्यालय कैसे चलेगा?

मुद्दाविहीन हो चुकी है RJD
जनता दल यूनाइटेड के नेता आनंद माधव का कहना है कि आरजेडी मुद्दा विहीन हो चुकी है. जनता दल नेता माधव आनंद ने कहा कि आरजेडी जरूर एक बड़ी पार्टी है लेकिन उसे इन बातों से निकलकर जनता की समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है.

एक नंबर की पार्टी,तीन नंबर का कार्यालय
उधर, कांग्रेस नेता राजेश राठौर ने कहा कि सीएम हमेशा विपक्ष की मांगों को दरकिनार करते हैं. नीतीश कुमार जेडीयू तीन नंबर की पार्टी है तो उसे एक नंबर कार्यालय, आरजेडी एक नंबर की पार्टी है तो उसे तीन नंबर कार्यालय. उन्होंने मुख्यमंत्री पर अपनी सहयोगी बीजेपी से भी भेदभाव करने का आरोप लगाया है.

विपक्ष के साथ नाइंसाफी
वहीं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हम अपना हक लेकर रहेंगे. जेडीयू ने अवैध कब्जा कर अपने पार्टी कार्यलय का निर्माण किया है. तीन नंबर की पार्टी को इतना बड़ा कार्यालय और एक नंबर की पार्टी को इतना छोटा कार्यालय. आरजेडी में सबसे ज्यादा कार्यकर्ता आते हैं. सूबे की एनडीए सरकार विपक्ष के साथ नाइंसाफी कर रही है.

'किसी भी सवाल पर आपा खो देते हैं सीएम'
इसके साथ ही आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री आरजेडी के किसी भी सवाल पर आपा खो देते हैं. नेता प्रतिपक्ष के नाम से ही बैचेन हो जाते हैं. मुख्यमंत्री का व्यवहार उनकी हताशा और निराशा को दिखाता है.

जमीन नालंदा से भी नहीं आती- जगदानंद
RJD  प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और साफ किया की 6 महीने पहले उन्होंने सरकार को पत्र लिखा था. उन्होंने कहा कि जमीन का आवंटन सरकार करती है. जमीन की मालिक सरकार होती है. आरजेडी ने कभी अतिक्रमण करने का प्रयास नहीं किया. हमारा संगठनात्मक ढांचा बिल्कुल वैसा ही है जैसा जेडीयू और बीजेपी का है, किसी भी जमीन का स्वामित्व ट्रांसफर नहीं होता. स्वामित्व सरकार के पास ही रहता है. उन्होंने कहा कि जमीन अगर आसमान से नहीं आती तो जमीन नालंदा से भी नहीं आती है.

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तेजस्वी ने फैक्ट के साथ किया ट्वीट
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी ट्वीट कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी. तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि जेडीयू कार्यालय- 66000 वर्ग फीट, एमएलए- 41, बीजेपी कार्यालय- 52000 वर्ग फीट,एमएलए- 74, आरजेडी कार्यालय- 19842 वर्ग फीट, एमएलए- 75. उन्होंने लिखा कि अब माननीय मुख्यमंत्री से सबसे बड़ी पार्टी राजद के कार्यालय के लिए सबसे कम आवंटित जमीन की सच्चाई पर सवाल पूछ लिया तो आदतन गुस्सा आ गया. उन्होंने JDU के विधायकों के फ्लैट तोड़ जमीन कब्जाने का जिक्र भी अपने ट्वीट में किया है.

आरजेडी ने जमीन की मांग की है. जमीन आवंटित होगी या नहीं ये तो सरकार ही जानती है, लेकिन मामले पर इस हद तक पॉलिटिक्स होगी ये शायद मुख्यमंत्री के भी संज्ञान में नहीं होगा.

(इनपुट, रितेश मिश्रा और आशुतोष)

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