बिहार में विपक्ष की 'खेला' करने की तैयारी, रणनीति सरकार पर पड़ सकती है भारी!
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बिहार में विपक्ष की 'खेला' करने की तैयारी, रणनीति सरकार पर पड़ सकती है भारी!

Bihar Samachar: RJD का ये भी कहना है कि 'हमें सत्ता हासिल करने की कोई लालसा या जल्दबाजी नहीं है, लेकिन NDA सरकार आपसी कलह से ही चली जाएगी'.

बिहार में विपक्ष की 'खेला' करने की तैयारी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Patna: बिहार में सत्ता के गलियारे में 'खेला होबे' का जुमला बड़ी तेजी से फैल रहा है. सत्ता में आसीन गठबंधन में चल रही खींचतान और आपसी बयानबाजी ने बैठे-बिठाए विपक्ष को मजबूत हथियार दे दिया है. अब विपक्ष इसी का फायदा उठाकर 'खेला' करने की रणनीति बनाने में जुट गया है. विपक्ष को लगता है कि प्रदेश में NDA सरकार के 'तख्तापलट' का ये बिल्कुल सही मौका है.

NDA की 'आग' भड़काने को बेताब 'लालटेन' 
RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले से जुड़े मामलों में जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर हैं. हालांकि, वो अभी कोरोना काल की वजह से पटना नहीं लौटे हैं और फिलहाल दिल्ली में ही मौजूद हैं. लेकिन पार्टी को पूरा भरोसा है कि सरकार बनाने और बिगाड़ने के खेल में माहिर लालू प्रसाद के पटना लौटते ही कुछ बड़ा धमाका होगा. यहां तक कि NDA को सत्ता से बेदखल कर देने का भी यकीन RJD समेत पूरे विपक्ष को है. हालांकि, RJD का ये भी कहना है कि 'हमें सत्ता हासिल करने की कोई लालसा या जल्दबाजी नहीं है, लेकिन NDA सरकार आपसी कलह से ही चली जाएगी'.

NDA को विरोधियों से नहीं, 'अपनों' से खतरा 
ये सच है कि बिहार सरकार को पलटने की तैयारी विपक्ष कर रहा है, लेकिन उससे भी बड़ा सच ये है कि NDA आपसी कलह में ही अपनी ताकत कम करता जा रहा है. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में वैसे ही NDA को सरकार बनाने लायक संख्या बड़ी मुश्किल से मिली है. दो बड़े घटक BJP और JDU मिलकर भी बहुमत नहीं पा सके और दो छोटे घटक दल VIP (विकासशील इंसान पार्टी) और HAM (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) के चार-चार विधायकों के सहारे ये सरकार बन सकी. ऐसे में इन छोटे दलों की वैसाखी पर ही सरकार टिकी है. इतना सब कुछ होने के बाद भी BJP, JDU, HAM और VIP के नेता लगातार बयानबाजी से एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं. यही अंतर्विरोध विपक्ष के लिए बड़ी उम्मीद की वजह बन गया है.

JDU-BJP में टकराव के कयास 
एमएलसी टुन्ना पांडेय को पार्टी से निलंबित कर BJP ने JDU को शांत जरूर कर दिया है. लेकिन टुन्ना पांडे ने जिस अंदाज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा, उससे JDU बहुत सहज स्थिति में नजर नहीं आ रही. टुन्ना पांडे पर कार्रवाई से पहले JDU-BJP के नेताओं ने जिस तरह एक-दूसरे के खिलाफ कड़वे बोल बोले, उसने गठबंधन के दरकने के संकेत दिए. ऐसा संदेश गया कि ये दोनों दल एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ में शामिल हैं.

मांझी का नीतीश को साथ, BJP से 'घात' 
HAM प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी वर्तमान NDA सरकार का हिस्सा हैं. उनके बेटे संतोष मांझी सरकार में मंत्री हैं. लेकिन जीतनराम मांझी रह-रहकर अपनी डिमांड से सरकार को मुश्किल में डाल रहे हैं. उनकी कुछ डिमांड ऐसी होती हैं कि सरकार को जवाब देते नहीं बनता. एक तरफ मांझी हर हाल में नीतीश कुमार का साथ देने का दावा करते हैं, दूसरी तरफ BJP पर बेहद तल्ख अंदाज़ में हमलावर हैं. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर जो रुख दिखाया, उसने BJP को सकते में डाल दिया. वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर को लेकर जीतनराम मांझी ने आपत्ति जता दी और इसे चेहरा चमकाने की कवायद बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री को लेकर ये तक कह दिया कि 'अगर चेहरा चमकाने का इतना ही शौक है तो देश में कोरोना की वजह से जितने लोगों की मौत हुई है, उन सभी के डेथ सर्टिफिकेट पर भी प्रधानमंत्री की तस्वीर लगनी चाहिए. देश-दुनिया को ये पता चलना चाहिए कि मोदी जी के शासन में कितने लोगों को अपनी जान कोरोना से गंवानी पड़ी'. मांझी का पीएम को लेकर इतना बड़ा हमला BJP को रास नहीं आया। इसने भी गठबंधन में समस्या खड़ी की.

विपक्ष के लिए 'तख्तापलट' बहुत आसान नहीं 
विपक्ष भले ही बिहार में सत्ता परिवर्तन के दावे कर रहा है, लेकिन सियासी पंडित इसे बहुत आसान नहीं मानते. इसके पीछे ठोस वजह है मांझी और मुकेश सहनी का बहुत महत्वाकांक्षी होना. ये दोनों नेता अपनी नई-नई डिमांड को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. जीतनराम मांझी पहले भी महागठबंधन का हिस्सा रहे हैं और RJD ने उनके बेटे को MLC भी बनाया. फिर भी मांझी ने RJD का साथ छोड़ने में देरी नहीं की. वहीं VIP के मुकेश सहनी ने डिप्टी सीएम बनाने की मांग को लेकर महागठबंधन का साथ छोड़ दिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी पर पीठ में 'छुरा भोंकने' का आरोप लगा दिया. ऐसे में उन दोनों को खुश करना महागठबंधन के लिए भी आसान नहीं होगा.

दूसरी तरफ BJP और JDU जितना भी झगड़ लें, लेकिन उन्हें पता है कि सरकार में रहना है तो एक-दूसरे का साथ हर हाल में चाहिए. नीतीश को जरूरत से ज्यादा नाराज कर BJP विपक्ष में बैठने का जोखिम नहीं उठाएगी. वहीं JDU भी महागठबंधन के साथ जाकर नीतीश कुमार को सीएम बना ले, इसकी संभावना कम दिखती है.

ऐसे में तमाम टकराव और उतार-चढ़ाव के बाद भी फिलहाल बिहार में सरकार को गिराना विपक्ष के लिए बहुत आसान नहीं होगा.

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