बंगले में खड़ी 38 एंबुलेंस को लेकर घिरे BJP MP राजीव प्रताप रूडी, पप्‍पू यादव के आरोपों पर दी सफाई
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बंगले में खड़ी 38 एंबुलेंस को लेकर घिरे BJP MP राजीव प्रताप रूडी, पप्‍पू यादव के आरोपों पर दी सफाई

Bihar Samachar: जाप संयोजक पप्पू यादव हाल ही में छपरा दौरे पर थे. दौरे के दौरान वो सारण के बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के पैतृक आवास भी गए, जहां उन्होंने सांसद कोष से खरीदी गई करीब 38 एंबुलेंस को खड़े हुए देखा.

 

बंगले में खड़ी 38 एंबुलेंस को लेकर घिरे BJP MP राजीव प्रताप रूडी. (प्रतीकातमक तस्वीर)

Patna: बिहार में बेड, ऑक्सीजन और वैक्सीन पर हंगामे और सियासत के बाद अब एंबुलेंस का मुद्दा गरमाया हुआ है. जाप संयोजक पप्पू यादव ने घर में एंबुलेंस खड़े करने को लेकर बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी को घेर लिया है. पप्पू यादव ने आरोप लगाते हुए सरकार से मामले में जांच की मांग की है. पप्पू यादव ने दोषियों पर कार्रवाई करने के साथ सरकारी पैसे के गलत इस्तेमाल को लेकर भी सवाल दागे है. साथ ही, उन्होंने इसकी भी जांच की मांग कर डाली है.

गौरतलब है कि जाप संयोजक पप्पू यादव हाल ही में छपरा दौरे पर थे. दौरे के दौरान वो सारण के बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के पैतृक आवास भी गए, जहां उन्होंने सांसद कोष से खरीदी गई करीब 38 एंबुलेंस को खड़े हुए देखा. बस फिर क्या था, पप्पू यादव मौके पर भड़क गए उन्होंने कहा कि 'कोरोना संक्रमित एंबुलेंस के लिए दर-दर भटक रहे हैं. बीजेपी सांसद करोड़ों रुपए की एंबुलेंस से अपने घर की शोभा बनाए हुए हैं.' 

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हालांकि, मामले के सुर्खियों में आने के बाद दिल्ली में बैठे राजीव प्रताप रूडी ने वीडियो जारी कर जाप संयोजक पर पलटवार करने में देर नहीं लगाई. उन्होंने राजनीति का ज्ञान बखेरते हुए पप्पू यादव से एंबुलेंस के लिए ड्राइवर की व्यवस्था करने की बात कह डाली. बस फिर क्या था, पप्पू यादव ने तंज को समझा और बिना देर किए एंबुलेंस चालकों की व्यवस्था कर दी. साथ ही उन्होंने खड़ी एंबुलेंसों के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा दिया.

जाप संयोजक ने कहा कि 'छपरा में चालक प्रशिक्षण केंद्र खोला गया था. केंद्र के उद्घाटन समारोह में नितिन गडकरी और सुशील कुमार मोदी के साथ रूड़ी भी शामिल हुए थे. इतने भव्य उद्घाटन के बाद भी चालक प्रशिक्षण केंद्र बंद हो गया और रुड़ी जी ट्वीट कर चालकों की कमी का हवाला दे रहे हैं.'

उन्होंने पूरे मामले की जांच करने की मांग कर दी है. जिसके बाद रूड़ी के लिए ये मुद्दा गले की हड्डी बनता दिख रहा है. जिसे वो ना निगल पा रहे और ना ही उगल पा रहे हैं. बिहार में कोरोना के हालत से सब वाकिफ है. यहां कोरोना संक्रमित सुविधाओं के आभाव में मौत से रोज जंग हार रहे हैं. उसपर इस तरह की घटनाएं मर चुके कोरोना संक्रमितों के परिजनों के घावों पर नमक डालने का ही काम करती नजर आती है.

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