Bihar Samachar: बिहार विधानमंडल में कैग रिपोर्ट पेश होने के बाद सियासत में भूचाल सा आ गया है. नीति आयोग की रिपोर्ट में विकास के मामले में बिहार फिसड्डी साबित हुआ तो कैग मामले को और हवा मिल गई.
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Patna: बिहार में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के बाद सियासी संग्राम मच गया है. दरअसल, CAG की रिपोर्ट में पब्लिक सेक्टर के उपक्रमों में गंभीर वित्तीय गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न सेक्टरों में किए गए गलत फैसलों से ना सिर्फ बिहार सरकार के खजाने पर अतिरिक्त भार पड़ा है, बल्कि सरकार ने करोड़ों की कमाई का मौका भी गंवाया है. ऐसे में विधानमंडल के पटल पर रिपोर्ट रखी गई तो विपक्षियों को मुंह खोलने का मौका भी मिल गया. वहीं, मामले पर सत्तापक्ष और विपक्ष में बयानों का सिलसिला चल निकला है.
भ्रष्टाचार में लिप्त सरकार!
CAG रिपोर्ट में अनियमितता पर लेफ्ट ने जोरदार हमला बोला है. विधायक सुदामा प्रसाद का कहना है कि अबतक जो बात वो लोग करते आ रहे थे, वही बात कैग की रिपोर्ट में सामने आई है. ग्रामीण विकास, पथ निर्माण और स्वास्थ्य जैसे तमाम विभागों में भारी गड़बड़ी हुई है. लेफ्ट विधायक ने सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप भी लगाया है.
नीतीश कुमार को नहीं है चिंता!
वहीं, भारतीय पंचायती राज पार्टी लोकतांत्रिक ने भी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमला बोला है. पार्टी अध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा, 'नीतीश इसपर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं और ना ही प्रतिक्रिया देने को तैयार हैं. भागीदार अगर कोई है तो सरकार है. सरकार में मुखिया नीतीश जी हैं लेकिन उन्हें कोई चिंता नहीं है. उन्हें किसी भी स्थिति में सरकार में बने रहने का कोई हक नहीं है.'
बिहार के साथ मजाक हुआ-RJD
इधर, आरजेडी (RJD) ने भी विकास की बात करते हुए सरकार पर निशाना साधा है. पार्टी विधायक राकेश रोशन ने कहा, 'ये सरकार कहती है कि न्याय के साथ विकास हो रहा है. लेकिन CAG की रिपोर्ट चिल्ला-चिल्लाकर कह रही बिहार के अंदर वित्तिय अनियमितता हुई है. बिहार सरकार के अंदर अधिकारियों की संलिप्तता की वजह से वित्तीय अनियमितता हुई, इसलिए जिस तरह बिहार में राजस्व की चोरी की गई, पैसों का बंदरबांट किया गया है वो बिहार जैसे गरीब प्रदेश के लिए मजाक है.' इतना ही नहीं आरजेडी विधायक ने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट में भी बिहार को विकास के मामले में फिसड्डी बताया गया है.
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BJP ने बताया मानवीय भूल
उधर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) कैग की रिपोर्ट को मानवीय भूल और जल्दबाजी में किया गया काम का नतीजा बताकर पर्दा डालती नजर आई. बीजेपी विधायक ललन पासवान ने कहा, 'एनडीए (NDA) काम में विश्वास करती है और काम करने के दौरान नियम कानून थोड़ा आगे-पीछे हो जाता है.' उन्होंने आगे से सरकार की तरफ से ध्यान रखने का आश्वासन भी दिया है.
JDU ने थामी विकास की 'बैसाखी'
जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने रिपोर्ट को लेकर मचे हल्ले पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया है. पार्टी सचिव डॉक्टर तारा श्वेता आर्य (Dr Tara Shweta Arya) ने कहा, 'नीतीश कुमार के कार्यकाल में विकास कार्यों में अनदेखी नहीं की गई, पूरी पारदर्शिता है.' उन्होंने विकास कार्य पूरे नहीं होने का ठीकरा कोरोना और लॉकडाउन के सिर फोड़ते हुए भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री अधूरे कार्यों को भी जल्द पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपने कार्यों की वजह से ही 'सुशासन बाबू' के नाम से जाने जाते हैं. सीएम का काम ही उनका जवाब है.
गौरतलब है कि सीएजी की रिपोर्ट में अप्रैल 2018 से फरवरी 2020 तक 629 मामलों की जानकारी दी गई है. जिस वजह से राज्य सरकार को 3658 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है.