जगदानंद सिंह को 2019 में बिहार आरजेडी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी. सिंह को राजद सुप्रीमो लालू यादव का करीबी माना जाता है. ऐसे में नया अध्यक्ष भी लालू परिवार का कोई करीबी हो सकता है.
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पटना: बिहार में हाल ही में सत्तारूढ़ हुई राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लिए अब नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मंथन शुरू हो गया है. बिहार में विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद जदयू से गठबंधन कर सत्ता तक पहुंची पार्टी तेजस्वी यादव और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के नेतृत्व में कमोवेश अपनी बेहतर स्थिति में है.
वैसे, यह सर्वविदित है कि प्रदेश अध्यक्ष कोई भी हो, राजद की राजनीतिक कमान के असली हकदार और उस पर अधिकार रखने वाला लालू परिवार ही है. पार्टी के राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) हैं और तय माना जा रहा है कि आगे भी वही होंगे.
कब मिलेगा बिहार का नया अध्यक्ष
पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में उनके नाम पर विधिवत मुहर लगेगी. पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन 9-10 अक्टूबर को दिल्ली में होगा. उधर, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का चयन 21 सितंबर को होगा. पार्टी ने अभी इसके लिए नामों का चयन नहीं किया है. हालांकि इसके कई दावेदार हैं.
जगदानंद सिंह को मिलेगा मौका?
इनमें अब्दुल बारी सिद्दीकी, उदय नारायण चौधरी और श्याम रजक के नाम भी शामिल हैं. जगदानंद सिंह को फिर से कमान देने पर भी विचार किया जा रहा है.
ऐसे नेता को मिलेगी अध्यक्ष पद की कमान
पार्टी अगला प्रदेश अध्यक्ष ऐसे चेहरे को चाह रही है, जो राजद की सियासी रफ्तार को गति दे सके और संगठन को मजबूत कर सके. इसे लेकर लालू परिवार में मंथन का दौर जारी है.
लालू-तेजस्वी ही लेंगे फैसला
इसमें कोई शक नहीं कि लालू अब तक पार्टी में बड़े फैसले लेते रहे हैं, लेकिन तेजस्वी के राजनीति में कद बढ़ने के बाद पार्टी के फैसलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं.
लालू का खास होगा बिहार का नया अध्यक्ष
तेजस्वी पार्टी में अनुशासन और सबकी सहभागिता जैसी बातों को लेकर चल रहे हैं और पार्टी इसी रफ्तार से आगे भी बढ़ रही है. राजद के सूत्रों की मानें तो पार्टी उस व्यक्ति को अध्यक्ष बनाएगी, जिसका पार्टी नेताओं से और लालू परिवार से बेहतर तालमेल होगा.
जाति फैक्टर के हिसाब से होगा फैसला
वैसे कहा यह भी जा रहा है कि राजद में पार्टी की कमान के जरिए सामाजिक समीकरण को भी साधने के प्रयास में है. ऐसे में पार्टी की कमान किसी सवर्ण को मिले तो कोई आश्चर्यजनक नहीं होगा. कहा जा रहा है कि पार्टी मुस्लिम, यादव के परंपरागत समीकरण को सुरक्षित रखते हुए भूमिहार और राजपूत के साथ यादवों की ट्यूनिंग बिठाने की भी कोशिश करेगी.
(आईएएनएस)