Bihar News: ललन सिंह ने साधा बीजेपी पर निशाना, कहा-भाजपा ने तोड़ा गठबंधन समझौता, जदयू ने नहीं
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Bihar News: ललन सिंह ने साधा बीजेपी पर निशाना, कहा-भाजपा ने तोड़ा गठबंधन समझौता, जदयू ने नहीं

बिहार में नई महागठबंधन सरकार बनने के बाद जनता दल-यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने अपनी पार्टी पर गठबंधन समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाने के लिए भाजपा की आलोचना की. 

 (फाइल फोटो)

Patna: बिहार में नई महागठबंधन सरकार बनने के बाद जनता दल-यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने अपनी पार्टी पर गठबंधन समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाने के लिए भाजपा की आलोचना की.

'किसी गठबंधन समझौते का उल्लंघन नहीं किया"

बीजेपी पर आरोप लगाते हुए जनता दल-यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि  "हमने किसी गठबंधन समझौते का उल्लंघन नहीं किया है. यह भाजपा है, जिसने गठबंधन समझौते का उल्लंघन किया और जद-यू को धोखा दिया. 2022 के अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद, हमारे पास सात विधायक थे और भाजपा ने छह को तोड़ दिया और उनका पार्टी में विलय कर दिया. वह जद (यू) के एनडीए में होने के बावजूद गठबंधन समझौते का उल्लंघन था."

उन्होंने आगे कहा कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान, हमारे जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं ने भाजपा उम्मीदवारों को चुनाव जीतने में मदद की, लेकिन भाजपा ने उन निर्वाचन क्षेत्रों में अपने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओंको वापस बुला लिया जहां जद-यू के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे. इसके अलावा, भाजपा ने कई उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए भेजा. लोक जनशक्ति पार्टी ने जद (यू) उम्मीदवारों के खिलाफ और उनका वोट काट दिया. लोजपा उम्मीदवारों के चुनाव हारने के बाद, उन्हें भाजपा में वापस लाया गया. यह गठबंधन समझौते का उल्लंघन था.

नीतीश कुमार ने बुलाई थी बैठक

ललन सिंह ने कहा, "मंगलवार को, हमारे नेता नीतीश कुमार ने एक बैठक बुलाई, जहां विधायकों ने बताया कि कैसे 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने उनके खिलाफ नकारात्मक भूमिका निभाई. विधायकों ने मुख्यमंत्री से कहा कि जदयू के कई उम्मीदवार चुनाव हार गए, जबकि मुश्किल परिस्थितियों में चुनाव जीतकर वे भाग्यशाली रहे.  भाजपा की पीठ में छुरा घोंपने के कारण हम 43 सीटों पर पहुंच गए. 2020 में सरकार बनने के बाद, भाजपा ने नीतीश कुमार के खिलाफ बयान देने और उन्हें अपमानित करने के लिए चुटभैया नेताओं को आगे रखा. चुटभैया नेता कहते थे कि बीजेपी बड़ा भाई है और सरकार में जद-यू छोटा भाई है. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि 2005 में जेडी-यू की सीटें 88 और 2010 में 118 थीं. 2015 में 69 सीटें थीं और जब हम 2017 में बीजेपी के साथ गए थे, तब हम बड़ी पार्टी थे क्योंकि बीजेपी के पास केवल 53 सीटें थीं. हमने उन्हें कभी नहीं बताया कि हम बड़े भाई हैं और बीजेपी सरकार में जूनियर पार्टनर है."

हम उनके नेताओं का कर रहे थे सम्मान

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का गठन 1996 में हुआ था और उस समय, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और जॉर्ज फर्नांडीस नेता थे. जद-यू अगले 17 वर्षों के लिए एनडीए से जुड़ा था. और 17 सेकंड के लिए अलग नहीं हुए. कारण अटल जी, आडवाणी जी, एम.एम. जोशी जी, और जॉर्ज साहब गठबंधन सहयोगियों का सम्मान कर रहे थे. उन नेताओं के पास गठबंधन सहयोगियों का सम्मान करने के सिद्धांत थे. उन्होंने कहा, "और अब क्या हुआ है.. भाजपा अपने गठबंधन सहयोगियों की पीठ में छुरा घोंप रही है."

(इनपुट: आईएएनएस) 

 

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