बिहार लोक सेवा आयोग ने वैसे तीन अभ्यर्थियों के नाम जारी किए हैं, जिन्होंने आयोग द्वारा आयोजित 68वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में नियम के विरुद्ध कार्य किया था. आयोग के द्वारा तीनों ही अभ्यर्थियों पर 5 साल की रोक लगाई गई है.
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पटनाः बिहार लोक सेवा आयोग ने वैसे तीन अभ्यर्थियों के नाम जारी किए हैं, जिन्होंने आयोग द्वारा आयोजित 68वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में नियम के विरुद्ध कार्य किया था. आयोग के द्वारा तीनों ही अभ्यर्थियों पर 5 साल की रोक लगाई गई है.
तीनों अभ्यर्थियों के नाम हुए जारी
बीपीएससी द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार जिन अभ्यर्थियों को पर रोक लगाई गई है. इनमें सविता कुमारी पिता यमुना पासवान, गीता कुमारी पिता जयप्रकाश मंडल और पूजा कुमारी पिता विनोद यादव शामिल हैं.
इस वजह से लगी रोक
आयोग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार सविता कुमारी पर इसलिए रोक लगाई गई है, क्योंकि इन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 68वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में सविता के पास से मोबाइल फोन प्राप्त हुआ था. वहीं गीता कुमारी पर इसलिए रोक लगाई गई है, क्योंकि आयोग द्वारा आयोजित 68वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में गीता कुमारी अपने निर्धारित स्थान के बदले दूसरी जगह पर बैठ गई थी.
जबकि पूजा कुमारी पर इसलिए रोक लगाई गई है क्योंकि 68वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में इनके पास से चिट प्राप्त हुई थी. तीनों अभ्यर्थियों पर नकल करने के वजह से ही परीक्षा में बैठने पर रोक लगाई गई है.
अगले 5 साल तक रोक रहेगी प्रभावी
बीपीएससी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इन तीनों ही अभ्यर्थियों पर 12 फरवरी 2023 से अगले पांच साल तक लगी रोक प्रभावी रहेगी. इस दौरान ये तीनों ही अभ्यर्थी आयोग द्वारा संचालित किसी भी प्रकार की परीक्षा में आवेदन करने के योग्य नहीं रहेंगे.
अब ये तीनों अभ्यर्थियों अगले 5 सालों कर न केवल बिहार लोक सेवा आयोग के स्तर पर बल्कि दूसरे राज्यों में भी आयोग द्वारा संचालित होने वाली कसी प्रकार की परीक्षा और संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने के योग्य नहीं है. आयोग द्वारा इन तीन अभ्यर्थियों को 5 साल के लिए निलंबित कर दिया गया है.
इनपुट- निषेद
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