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Patna: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा की दो सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों का समर्थन करेगी और वे BJP के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने के लिए दोनों विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे. बिहार में मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों का समर्थन करने की घोषणा चिराग ने दिल्ली से लौटने के बाद रविवार को की.
बीजेपी का करेंगे प्रचार
पटना हवाई अड्डे पर चिराग ने कहा कि वह मोकामा और गोपालगंज, जहां भाजपा का राजद से कड़ा मुकाबला है औए वो बीजेपी के लिए प्रचार करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो महीने पहले एनडीए से बाहर निकलने के बाद कमजोर हुई भाजपा और प्रदेश में सत्ताधारी महागठबंधन (जिसमें सात दल शामिल हैं) में से सबसे बडी पार्टी राजद के लिए तीन नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव को शक्तिपरीक्षण के पहले अवसर के तौर पर देखा जा रहा है.
चिराग अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान द्वारा स्थापित लोक जनशक्ति पार्टी के एक अलग समूह के प्रमुख हैं. जमुई के 39 वर्षीय सांसद चिराग अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी सहित अन्य पार्टी सहयोगियों की मौजूदगी में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ शनिवार की रात लंबी बैठक के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया.
पासवान ने इस सवाल को टाल दिया कि क्या उन्होंने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस, जिनके पिछले साल विद्रोह के कारण लोक जनशक्ति पार्टी में विभाजन हुआ था, को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से निष्कासित करने की मांग को छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि प्रचार समाप्त होने में केवल दो दिन शेष हैं, लेकिन उनकी पार्टी भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेगी.
संजय जायसवाल ने कही थी ये बात
बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने चिराग पासवान को राजग का सहयोगी बताते हुए शुक्रवार को कहा था कि वे मोकामा एवं गोपालगंज विधानसभा क्षेत्रों में हो रहे उपचुनाव में उनकी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे. उन्होंने चिराग के बारे में बताया था कि वे 31 अक्टूबर को मोकामा एवं एक नवंबर को गोपालगंज मैं चुनाव प्रचार में भाग लेंगे.
चिराग ने JDU पर साधा था निशाना
चिराग ने जदयू पर अपना प्रहार जारी रखते हुए कहा, 'मैंने हमेशा माना है कि नीतीश कुमार के पास मेरे गृह राज्य को पिछड़ेपन के दलदल से बाहर निकालने की कोई दूरदृष्टि नहीं है. नल के पानी और पक्की सड़कों जैसी बुनियादी जरूरतों को प्रगति के एक संकेतक के रूप में नहीं दर्शया जा सकता है.'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू यह आरोप लगाती रही है कि वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा 'चिराग मॉडल' का इस्तेमाल उसे कमजोर करने के लिए किया गया. चिराग जिन्होंने अविभाजित लोजपा के अध्यक्ष के रूप में वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश के नेतृत्व को अस्वीकार करते हुए जदयू के विरोध में अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा था जिनमें से कई भाजपा के बागी थे.
चिराग ने कहा कि बिहार को शिक्षा और विकास का केंद्र बनने की दिशा में काम करना चाहिए. चिराग ने कहा, 'मेरा बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट दृष्टिकोण था, जिसकी मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी ने हमेशा अनदेखी की. मैं ऐसा कुछ नहीं करना चाहता जिससे उनके सत्ता में बने रहने में मदद मिले.'
(इनपुट: भाषा)