पटनाः Chhath Puja Nahay Khay 2022: छठ महापर्व की आज से शुरुआत हो चुकी है. लोक आस्था और प्रकृति की पूजा के इस दिव्य पर्व की पहली रस्म नहाय-खाय है. कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को नहाय-खाय व्रत रखा जाता है. नहाय खाय का अर्थ हुआ सीधे तौर पर नहाना और फिर खाना. यानी बड़ी ही आसानी से पर्व का पहला ही दिन स्वच्छता और पोषण की बात कह रहा है. जीवन के लिए सबसे जरूरी है कि उसमें शुचिता हो, साफ-सफाई हो और फिर पोषण प्राप्त हो. ये पोषण न सिर्फ शरीर को मिले, बल्कि मन, मस्तिष्क, हृदय, विचार सभी को पुष्ट करे.
सूर्य उपासना का त्योहार
हर एक व्यक्ति ऐसा होगा तभी समाज का कल्याण हो सकेगा. छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाती है. इस वर्ष छठ पर्व की शुरुआत 28 अक्तूबर से हो रही है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना,तीसरे दिन संध्या अर्ध्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य देते हुए समापन होता है. छठ महापर्व सूर्य उपासना का सबसे बड़ा त्योहार होता है.
छठ माता हैं सूर्यदेव की बहन
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पष्ठी तिथि पर छठ पूजा मनाई जाती है. इस पर्व में भगवान सूर्य के साथ छठी माई की भी पूजा-उपासना विधि-विधान के साथ की जाती है. छठी माई को सूर्यदेव की बहन है. धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ का त्योहार व्रत संतान प्राप्ति करने की कामना,कुशलता,सुख-समृद्धि और उसकी दीर्घायु की कामना के लिए किया जाता है. चतुर्थी तिथि पर नहाय-खाय से इस पर्व की शुरुआत हो जाती है और षष्ठी तिथि को छठ व्रत की पूजा,व्रत और डूबते हुए सूरज को अर्घ्य के बाद अगले दिन सप्तमी को उगते सूर्य को जल देकर प्रणाम करने के बाद व्रत का समापन किया जाता है.
छठ पूजा 2022 की तिथियां
दिन छठ पूजा अनुष्ठान तिथि
छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय 28 अक्टूबर 2022, शुक्रवार
छठ पूजा का दूसरा दिन खरना 29 अक्टूबर 2022, शनिवार
छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य 30 अक्टूबर 2022, रविवार
छठ पूजा का चौथा दिन उषा अर्घ्य 31 अक्टूबर 2022, सोमवार