अखिलेश और ममता से मुलाकात को लेकर सुशील मोदी ने साधा नीतीश पर निशाना, पूछे ये बड़े सवाल
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अखिलेश और ममता से मुलाकात को लेकर सुशील मोदी ने साधा नीतीश पर निशाना, पूछे ये बड़े सवाल

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता अभियान में सोमवार को पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश की यात्रा पर हैं.

 (फाइल फोटो)

Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता अभियान में सोमवार को पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश की यात्रा पर हैं. इस बीच, भाजपा के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केवल चर्चा में बने रहने के लिए नीतीश कुमार एक ऐसे समय में विपक्षी एकता का प्रयास करते दिखते रहने चाहते हैं, जब शरद पवार अडाणी मुद्दे की हवा निकाल चुके हैं और यहां तक कह चुके कि महाराष्ट्र में महाअघाड़ी गठबंधन के कल का कोई ठिकाना नहीं है.

 

फोटो सेशन के सिवा कुछ नहीं

मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की दिल्ली, कोलकाता या लखनऊ की यात्रा राजनीतिक पर्यटन और फोटो सेशन के सिवा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा शून्य से 64 विधायकों और 18 सांसदों की पार्टी बन गई. अब नीतीश कुमार क्या बंगाल में कांग्रेस, माकपा और टीएमसी को एक मंच पर ला सकते हैं?

मोदी ने कहा कि बिहार में टीएमसी नहीं और बंगाल में जब जदयू-राजद का कोई जनाधार नहीं है, तब नीतीश-ममता एक-दूसरे की क्या मदद कर सकते हैं? वे सिर्फ साथ में चाय पी सकते हैं और बयान दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि यूपी में एक बार दो लड़के (राहुल-अखिलेश) मिलकर भाजपा को हराने में विफल रहे तो दूसरी बार बुआ-बबुआ (बसपा-सपा) मिलकर लड़े. दोनों बार एकजुट विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के सामने टिक नहीं पाया.

मोदी ने कहा कि 2019 के संसदीय चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 सीटें मिलीं, जबकि सपा मात्र 3 सीट पा सकी. बसपा को 10 सीट मिली, लेकिन चुनाव बाद बसपा ने सपा का साथ छोड़ दिया. उन्होंने सवाल किया कि क्या नीतीश कुमार काठ की यही जली हुई हांडी फिर से आग पर चढ़ा पाएंगे? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यदि समय काटने के लिए कोई मेढक तौलने का मजा लेना चाहता है, तो उसे कोई नहीं रोक सकता.

(इनपुट भाषा के साथ)

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