हिन्दू धर्म में वर्ष के सोलह दिनों को अपने पितृ या पूर्वजों को समर्पित किया गया है. जिसे पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष कहते हैं, इसे महालय के नाम से भी जाना जाता है. इस बार पितृ पक्ष या महालय 11 सितंबर से आरम्भ होकर26 सितंबर तक थे जो आज समाप्त हो रहे है.
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पटना: Daily Panchang: आज का पंचांग आपके लिये शुभ तिथि और मुहूर्त लेकर आया है. आज रविवार है, सूर्य जी की पूजा करें. जानिए पञ्चांग में क्या है खास, बता रहे हैं आचार्य विक्रमादित्य
आज का पंचांग
अश्विन - कृष्ण पक्ष - अमावस्या - रविवार
नक्षत्र - उत्तरा फाल्गुनी
महत्वपूर्ण योग- शुभ योग
चन्द्रमा का सिंह के उपरांत 11:18 पर कन्या राशि पर संचरण -
आज का शुभ मुहूर्त - 11.54 बजे से 12.42 बजे तक
राहु काल- 04.47 बजे से 06.16 बजे तक
त्योहार - अमावस्या, सर्वपितृ श्राद्ध भूलेबिछुडो का श्राद्ध
हिन्दू धर्म में वर्ष के सोलह दिनों को अपने पितृ या पूर्वजों को समर्पित किया गया है. जिसे पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष कहते हैं, इसे महालय के नाम से भी जाना जाता है. इस बार पितृ पक्ष या महालय 11 सितंबर से आरम्भ होकर 26 सितंबर तक थे जो आज समाप्त हो रहे है.
हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है. इसे महालया या मोक्षदायिनी अमावस्या भी कहा जाता है. यह पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है. शास्त्रों के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितृ धरती लोक से विदा लेते हैं और इस दिन पिंडदान और तर्पण करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. आश्विन अमावस्या की समाप्ति पर अगले दिन से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो जाते हैं. मां दुर्गा के विभिन्न रूपों के आराधक और तंत्र साधना करने वाले इस अमावस्या की रात्रि को विशिष्ट तांत्रिक साधनाएँ करते हैं.
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए -
आज सायंकांल नदी के किनारें सात मिटटी के छोटे-छोटे पात्र में गाय का कच्चा दूध और सभी के समक्ष वटवृक्ष के पत्ते पर सफेद मिठाई अथ्वा एक-एक बताशा रखकर तिल अथवा सरसो के तेल में दीपक प्रज्ज्वलित कर अपने पितरों को याद करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें। वापस लौटते समय मुड़कर ना देखें.
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