Daily Panchang 4 December 2022: जानिए रविवार के पंचांग में शुभ मुहूर्त, विधि और गुप्त उपाय
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Daily Panchang 4 December 2022: जानिए रविवार के पंचांग में शुभ मुहूर्त, विधि और गुप्त उपाय

Daily Aaj Sunday Ka Panchang 4 December: कल रविवार है. रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव को समर्पित है. भगवान सूर्यदेव को वेदों में जगत की आत्मा बताया गया है.

(फाइल फोटो)
पटना: Daily Aaj Sunday Ka Panchang 4 December: आज का पंचांग आपके लिये शुभ तिथि और मुहूर्त लेकर आया है. कल रविवार है. रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव को समर्पित है. भगवान सूर्यदेव को वेदों में जगत की आत्मा बताया गया है. भगवान सूर्य देव की साधना करने से सुख, समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि भक्ति-भाव के साथ भगवान सूर्य को अर्घ्य देने और आदित्य हृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता और सम्मान मिलता है.
 
चलिए जानते है कि आज के पंचांग में क्या खास बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी- 
 
आज विक्रम संवत 2079 मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि रविवार है आज द्वादशी तिथि पूरे दिन पर्यंत रहेगी आज अश्विनी नक्षत्र पूरे दिन रहेगा सूर्योदय के समय वरियान योग बन रहा है आज चंद्रमा मेष राशि में चलाय मान रहेंगे. आज अभिजीत मुहूर्त मध्यान्ह 11.56 से 12:38 तक रहेगा वहीं विजय मुहूर्त दोपहर 2:02 से 2:45 तक है जबकि गोधूलि मुहूर्त सायं 5:31 से 5:58 तक है आज राहुकाल शाम 4:14 से 5:33 तक रहेगा आज मोक्षदा एकादशी का पारण है आज मत्स्य द्वादशी है गंड मूल नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग की स्थिति है
 
आज का पंचांग
आज विक्रम संवत 2079 
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष 
द्वादशी तिथि 
वार- रविवार
आज द्वादशी तिथि पूरे दिन पर्यंत रहेगी 
आज अश्विनी नक्षत्र पूरे दिन रहेगा 
सूर्योदय के समय वरियान योग बन रहा है 
आज चंद्रमा मेष राशि में चलाय मान रहेंगे. 
अभिजीत मुहूर्त मध्यान्ह 11:56 से 12:38 तक रहेगा 
वहीं विजय मुहूर्त दोपहर 2:02 से 2:45 तक है 
जबकि गोधूलि मुहूर्त सायं 5:31 से 5:58 तक है 
राहुकाल शाम 4:14 से 5:33 तक रहेगा 
मोक्षदा एकादशी का पारण है 
मत्स्य द्वादशी है 
गंड मूल नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग की स्थिति रहेगी 
 
ये हैं सूर्य देव के मंत्र
ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा.
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ सूर्याय नम:
ॐ घृणि सूर्याय नम:

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