पटना में द्रौपदी मुर्मू ने जुटाया समर्थन, मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा- उनका राष्ट्रपति बनना तय
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पटना में द्रौपदी मुर्मू ने जुटाया समर्थन, मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा- उनका राष्ट्रपति बनना तय

बिहार सरकार के मंत्री सम्राट चौधरी हम लोगों को पूर्ण भरोसा है कि हमारी राष्ट्रपति की उम्मीदवार बहुत अधिक वोटों से चुनाव जीतेंगी. आज की जो मीटिंग थी वह एक भावुक क्षण था. झारखंड का जो इलाका है, वहां उनकी दादी का घर है, लेकिन एक तरह से मूलनिवासी के तौर पर वह एक गरीब पिछड़े जगह से है. 

पटना में द्रौपदी मुर्मू ने जुटाया समर्थन, मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा- उनका राष्ट्रपति बनना तय

पटनाः Draupadi Murmu: बिहार सरकार के मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा NDA की राष्ट्रपति पद की उम्मीदार द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्र्पति बनना बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा का संगम होगा. बिहार सरकार के मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, सबसे ज्यादा हर्ष की बात है कि बिहार झारखंड उड़ीसा एक साथ थे. 1912 में बंटवारा हुआ और उसी बिहार की बेटी, बड़ी बहन के तौर पर आज द्रौपदी मुर्मू देश में राष्ट्रपति बनने वाली हैं. उन्होंने कहा कि एनडीए का पूरा समर्थन उनके साथ है. 

उन्होंने कहा कि हम लोगों को पूर्ण भरोसा है कि हमारी राष्ट्रपति की उम्मीदवार बहुत अधिक वोटों से चुनाव जीतेंगी. आज की जो मीटिंग थी वह एक भावुक क्षण था. झारखंड का जो इलाका है, वहां उनकी दादी का घर है, लेकिन एक तरह से मूलनिवासी के तौर पर एक गरीब पिछड़े जगह से जहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कल्पना की थी आदिवासी के कल्याण के लिए दलितों के कल्याण के लिए जब-जब NDA  को मौका मिला है, तब-तब उसने ऐसा किया है. अब्दुल कलाम, रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया गया. अब तीनों बिहार झारखंड और उड़ीसा के संगम के तौर पर द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनको देश का सेवा करने का मौका दिया है.

राजद ने भी की टिप्पणी
द्रौपदी मुर्मू को समर्थन के सवाल पर जगदानंद सिंह ने कहा घनघोर अहंकारी विनाशकारी लोगों से हमारी लड़ाई है. दो विचारधारा की लड़ाई है या व्यक्तियों की लड़ाई नहीं है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति राष्ट्र का प्रतीक होता है. जहां आज राष्ट्र संकट में पड़ा हुआ है उनके पीछे खड़े लोगों के द्वारा यह राष्ट्र नहीं बचाया जा सकता है. यह राष्ट्र में समस्या पैदा करने वाले लोग हैं. इसलिए कोई जाति और धर्म के आधार पर नहीं बल्कि उन वादियों पर नियंत्रित करने के लिए एक अच्छी सरकार को संचालित कराने में जो हमारे संविधान का दायित्व है राष्ट्रपति जनता का सीधे तौर पर प्रतीक होता है. वर्तमान सरकार ने सारे प्रतीकों को नष्ट कर दिया है. इसलिए प्रश्न व्यक्ति का नहीं है. व्यक्ति के रूप में हम किसी को भी पसंद कर लें लेकिन हमको उस विचारधारा की मजबूरी नहीं हैं.

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