होलिका दहन के साथ शुरू हुआ रंगों वाली होली का पर्व, जानें लोग कैसे मनाएंगे होली; क्या-क्या है तैयारी
पौराणिक काल से प्रचलित कथा विष्णु भक्त प्रह्लाद और उनकी बुआ होलिका से जुड़ी है. प्रह्लाद को मारने के चक्कर में होलिका उनको लेकर आग बैठ जाती है और खुद भस्म हो जाती है.
पटना : होलिका दहन अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है. दरअसल, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन की आग बहुत पवित्र मानी जाती है. इसके प्रभाव से नकारात्मकता, रोग और दोष दूर हो जाते हैं. मंगलवार को बिहार के विभिन्न जिलों में चौक-चौराह पर महिलाओं ने पहले होलिका का पूजन कर प्ररिक्रमा लगाई. कई स्थानों पर होलिका दहन के बाद लोगों ने गुलाल लगाकर एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं. बुधवार को रंगों वाली होली का जश्न मनाएं. आइए जानते है लोगों की क्या है तैयारियां.
पौराणिक काल से है होलिका दहन का चलन
जानकारी के लिए बता दें कि पौराणिक काल से प्रचलित कथा विष्णु भक्त प्रह्लाद और उनकी बुआ होलिका से जुड़ी है. प्रह्लाद को मारने के चक्कर में होलिका उनको लेकर आग बैठ जाती है और खुद भस्म हो जाती है. उस दिन फाल्गुन पूर्णिमा थी, इसलिए हर वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन होता है. वहीं बता दें कि दूसरी कथा द्वापर युग की है, जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. तब उनके मामा ने उनको मारने के लिए पूतना राक्षसी को भेजा था. उस समय बाल कृष्ण ने पूतना का वध कर दिया था. उसकी खुशी में नंदगांव की गोपियों ने श्रीकृष्ण के साथ होली खेली थी.
होली पर लोगों ने दी एकता और प्रेम की मिसाल
बिहार में कई स्थान ऐसे हैं जहां लोग एकता और प्रेम की मिसाल देते हुए नजर आ रहे हैं. मुजफ्फरपुर में रहने वाले समाजसेवी ने बताया कि सभी समाज के लोगों के साथ मिलकर होलिका का दहन किया. साथ ही कहा कि जिले में सभी धर्म के लोग प्रेम भाव के साथ रहते है. साथ ही सभी मिलजुलकर होली मनाते है. लोगों में एकता और प्रेम की वजह से यह सिलसिला कई वर्षों से चलता आ रहा है.
लोगों ने एख दूसरे को गुलाल लगाकर दी बधाई
पटना में होलिका दहन के बाद लोगों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर बधाई दी. इसके अलावा लोगों ने अपने परिवार के बड़े बुजुर्गों को भी गुलाल लगाया और आर्शीवाद लिया. होली का उत्साह लोगों को देखकर ही बन रहा था.
जातिसूचक गानों पर सरकार ने लगाई रोक
बता दें कि मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बीते दिनों सदन की बैठक में अश्लील गीतों और जातिसूचक गीतों को लेकर मुद्दा उठा था. उन्होंने कहा कि कई ऐसे भोजपुरी गीत है जो समाज के अंदर अश्लीलता पैदा करने का काम कर रहे हैं, ऐसे में गंदी भाषा वाले इन गीतों पर जल्द से जल्द रोक लगनी चाहिए. इधर, होली से पूर्व राज्य सरकार ने भी समस्या पर गंभीरता दिखाते हुए, अश्लील गीतों पर रौक लगा दी है. होली पर कहीं भी अश्लील गीत सुनते दिखे तो दोषियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई होगी.
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