नीतीश कुमार की 'ड्रीम स्कीम' को अधिकारी लगा रहे पलीता, बकरियां बांधने के काम आ रही 'नल जल योजना'!
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नीतीश कुमार की 'ड्रीम स्कीम' को अधिकारी लगा रहे पलीता, बकरियां बांधने के काम आ रही 'नल जल योजना'!

Nal Jal Yojna: जलापूर्ति के संचालकों का कहना है कि वार्डों में जल सप्लाई के लिए रखे गए संचालकों को मुख्य रूप से मोटर या स्टार्टर की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस समस्या का समाधान करने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है.

नीतीश कुमार की 'ड्रीम स्कीम' को अधिकारी लगा रहे पलीता, बकरियां बांधने के काम आ रही 'नल जल योजना'!

बगहा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2015 में सात निश्चय योजनाओं का शुभारंभ किया था. इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर को बदलना था. इस योजना में नल जल योजना भी शामिल थी. जिसका मुख्य उद्देश्य घरों तक स्वच्छ जल पहुंचाना था, लेकिन दुखद है कि इस योजना के तहत कुछ गांवों में पानी की सप्लाई बंद हो गई है.

जानकारी के अनुसार पिछले 8 महीनों से बगहा के महीपुर भतौड़ा पंचायत के 8 पंचायतों में पानी की सप्लाई बंद है. लोगों को पानी की कमी से जूझना पड़ रहा है. गांव के लोगों का कहना है कि कई बार वार्ड सदस्य और मुखिया से पानी की समस्या को लेकर बात की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जलापूर्ति के संचालकों का कहना है कि वार्डों में जल सप्लाई के लिए रखे गए संचालकों को मुख्य रूप से मोटर या स्टार्टर की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस समस्या का समाधान करने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है. वार्ड सदस्य अक्सर यह बहाना बनाते हैं कि उनके पास पैसे नहीं हैं.

इसके अलावा महीपुर भतौड़ा पंचायत के मुखिया का कहना है कि जब संभालने का जिम्मा उनके पास था, तब उन्होंने सभी समस्याओं का समाधान किया था. जब समस्या PWD के हवाले कर दी गई, तो सब कुछ बिगड़ गया. पाइपों में मावेशियों के कारण भी नल जल योजना का प्रभाव कम हो रहा है.

साथ ही अधिकांश वार्डों में पानी की सप्लाई बंद होने की समस्या है. कुछ वार्डों में पाइप फट गए हैं, तो कहीं मोटर या स्टार्टर खराब होने की समस्या है, लेकिन इन समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. ETV की एक रिपोर्ट के अनुसार  नल जल योजना के पैसों का उपयोग भी गलत तरीके से हो रहा है. इससे सारी योजना का अर्थ खो रहा है. सभी इस समस्या को हल करने के लिए सरकार से निवेदन करते हैं कि उन्हें जल्दी से जल्दी समाधान किया जाए. ग्रामीणों को जल की सही सप्लाई प्रदान की जाए ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े.

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