Radha Ashtami 2024: कब है राधा अष्टमी? ऐसे पूजा करने से मिलेगा कई गुना अधिक फल
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Radha Ashtami 2024: कब है राधा अष्टमी? ऐसे पूजा करने से मिलेगा कई गुना अधिक फल

Radha Ashtami 2024: आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस साल राधा अष्टमी 11 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन एक विशेष प्रीति योग बन रहा है, जो रात 11:54 बजे तक रहेगा. इस योग के दौरान राधा रानी की पूजा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं.

Radha Ashtami 2024: कब है राधा अष्टमी? ऐसे पूजा करने से मिलेगा कई गुना अधिक फल

पटना: हिंदू धर्म में राधा रानी की पूजा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी धार्मिक ग्रंथों में पढ़ी जाती है और सुनी जाती है. मान्यता है कि राधा कृष्ण की पूजा से जीवन में सुख और समृद्धि मिलती है. विशेष कृपा प्राप्ति के लिए भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. आचार्य मदन मोहन के अनुसार इसी दिन राधा रानी का जन्म बरसाने में हुआ था. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और राधा रानी की विधिपूर्वक पूजा करते हैं.

राधा अष्टमी के पर्व की तैयारी 15 दिन पहले भगवान कृष्ण के जन्मदिन से शुरू हो जाती है. इस साल राधा अष्टमी 11 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन प्रीति योग भी बन रहा है, जो रात 11:54 बजे तक रहेगा. इस योग में राधा रानी की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होने की संभावना है. इस दिन कई अन्य शुभ संयोग भी बन रहे हैं, जिससे पूजा का फल कई गुना बढ़ सकता है. साथ ही राधा अष्टमी के दिन राधा रानी की पूजा विधिपूर्वक की जाती है. पूजा से पहले सभी पूजन सामग्री तैयार कर लें. पूजा में फूल, अक्षत, चंदन, लाल चंदन, सिंदूर, रोली, सुगंध, धूप, दीप, फल, खीर, मिठाई और अरबी प्रमुख रूप से शामिल हैं. राधा रानी की पूजा के समय अरबी का भोग लगाना अनिवार्य माना गया है.

ऐसे करें राधा रानी की आरती 
आचार्य मदन मोहन के अनुसार आरती राधाजी की कीजै, कृष्ण संग जो कर निवासा, कृष्ण करे जिन पर विश्वासा. आरती वृषभानु लली की कीजै. कृष्णचन्द्र की करी सहाई, मुंह में आनि रूप दिखाई. उस शक्ति की आरती कीजै. नंद पुत्र से प्रीति बढ़ाई, यमुना तट पर रास रचाई. आरती रास रसाई की कीजै. प्रेम राह जिनसे बतलाई, निर्गुण भक्ति नहीं अपनाई. आरती राधाजी की कीजै. दुनिया की जो रक्षा करती, भक्तजनों के दुख सब हरती. आरती दुख हरणीजी की कीजै. दुनिया की जो जननी कहावे, निज पुत्रों की धीर बंधावे. आरती जगत माता की कीजै. निज पुत्रों के काज संवारे, रणवीरा के कष्ट निवारे आरती विश्वमाता की कीजै.

Disclaimer: इस जानकारी का आधार ज्योतिषाचार्यों और आचार्यों की सलाह पर है. किसी भी लाभ या हानि का संबंध केवल संयोग से है. इस जानकारी को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. जी बिहार झारखंड किसी भी मान्यता की पुष्टि नहीं करता है.

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