Independence Day 2023: 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस क्यों घोषित किया गया था? जानें इसके पीछे का कारण
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Independence Day 2023: 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस क्यों घोषित किया गया था? जानें इसके पीछे का कारण

ऐसे तो हम सभी जानते हैं कि भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली और तब से हम स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही हर साल मनाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 26 जनवरी को प्रथम स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया था वह भी साल 1930 में.

(फाइल फोटो)

Independence Day 2023: ऐसे तो हम सभी जानते हैं कि भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली और तब से हम स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही हर साल मनाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 26 जनवरी को प्रथम स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया था वह भी साल 1930 में. शायद आप जानकर हैरान होंगे क्योंकि 26 जनवरी को तो हर साल हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं. ऐसे में 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस की तारीख यह भरोसा करना थोड़ा मुश्किल है तो आइए हम आपको इसके पीछे का इतिहास बताते हैं. 

बता दें कि 26 जनवरी का महत्व एक उत्तर-औपनिवेशिक संप्रभु राज्य के रूप में भारत की कल्पना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता की घोषणा की थी और लोगों से इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का आग्रह किया था. इसके बाद से आजादी से पहले तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था. यह सफर करीब 18 वर्ष तक चला जब देशभर में 26 जनवरी को पूर्ण स्वराज दिवस (स्वतंत्रता दिवस) के रूप में मनाया जाता रहा. 

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दरअसल कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन दिसंबर 1929 में हुआ था और इसकी अध्यक्षता जवाहर लाल नेहरू कर रहे थे और तब उन्होंने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव रखा था. इस प्रस्ताव में साफ कहा गया था कि 26 जनवरी 1930 तक अगर अंग्रेजी हुकूमत हमें आजादी नहीं देती गै तो भारत खुद को स्वतंत्र घोषित कर देगा. इसके बाद साल 1930 में 26 जनवरी को कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज दिवस (स्वतंत्रता दिवस) घोषित कर दिया. 

इसी साल पहली बार 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. तब पंडित नेहरू ने ही तिरंगा फहराया था. ऐसे में 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज की घोषणा की वजह से ही 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया तो इसे गणतंत्र दिवस के रूप में घोषित किया गया. जब देश में 26 जनवरी 1930 को पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया गया तो जगह-जगह सभाओं का आयोजन किया गया. इसमें कांग्रेस के लोगों ने सामूहिक तौर पर लोगों से स्वतंत्रता पाने की शपथ दिलाई. इसीदिन गांव से लेकर शहरों तक सभाएं हीं सभाएं आयोजित की गईं और फिर तिरंगा फहराया गया. आजादी मिलने तक हर साल इसी दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था. 

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