जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने हिंडनबर्ग के 103 पन्नो वाली रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि यहां की सरकार को वह सबसे भ्रष्ट सरकार मानते हैं, लेकिन खुद इतने बड़े घोटाले पर चुप है.
Trending Photos
रांची : अडानी के गिरते शेयर से झारखंड में सियासत गर्म हो चुकी है. वहीं पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हैं, लेकिन सवाल है कि क्या सच में एलआईसी एसबीआई जैसी वित्तीय संस्थाएं डूबने के कगार पर है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी के गिरते शेयर दलाल स्ट्रीट से लेकर राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है.
रविवार को जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने हिंडनबर्ग के 103 पन्नो वाली रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि यहां की सरकार को वह सबसे भ्रष्ट सरकार मानते हैं, लेकिन खुद इतने बड़े घोटाले पर चुप है. यहां तक की आरबीआई के साथ-साथ ई डी इनकम टैक्स और सीबीआई जैसी संस्थाएं भी चुप्पी साधी हुई है. उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि इस पर संज्ञान लेकर एक जांच कमेटी का गठन हो और सभी चीजें सामने आए क्योंकि ये चुप्पी के कई मायने हो सकते है.
वही इस पर बीजेपी के विधायक एवं वरिष्ठ नेता सीपी सिंह ने जवाब देते हुए कहा है कि जेएमएम और कांग्रेस लोगों को डराने का काम कर रही है. हिंडनबर्ग मामले आरबीआई और वित्त मंत्री ने साफ कर दिया है कि महज 0.1 का निवेश है और एसबीआई और एलआईसी सरकारी कंपनी है ना सिर्फ आम लोगों का बल्कि मेरा भी खाता इसमें है और मियाद पूरी होने पर पैसे भी मिल रहे हैं. ऐसे में किसी को डरने की जरूरत नहीं है. वहीं अमित शाह के दौरे पर विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है शायद इसलिए इस तरह के बयान आ रहे हैं.
हालांकि अडानी ग्रुप हमेशा से विपक्ष के निशाने पर रहा है, लेकिन मौजूदा हालात और मौके देता नजर आ रहा है. बहरहाल अगर लोगों का पैसा सुरक्षित है तो यह महज राजनीत होगी, लेकिन अगर ऐसा कुछ होता है तो इसका असर चुनाव में भी देखने को मिलेगा. जरूरत है कि सरकार राजनीति से ऊपर उठकर आम लोगों के लिए सजग रहे.
इनपुट- अभिषेक भगत
ये भी पढ़िए- जल्द पटना लौटेंगे लालू यादव, 10 फरवरी तक सिंगापुर से हो सकती है उनकी स्वदेश वापसी!