Payal Benefits: लड़कियों की शादी के बाद पहने जाने वाले गहनों को विशेष महत्व दिया जाता है. क्योंकि शादी के बाद इन गहनों को सुहाग से जोड़कर देखा जाता है. वैसे ही चांदी की पायल महिलाओं को कई रोगों से दूर रखती है.
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पटना: Payal Benefits: भारतीय संस्कृति में चांदी की पायल और बिछिया पहनने की खास परंपरा है. लड़कियों की शादी के बाद पहने जाने वाले गहनों को विशेष महत्व दिया जाता है. क्योंकि शादी के बाद इन गहनों को सुहाग से जोड़कर देखा जाता है. चांदी की पायल महिलाओं को नकारात्मक ऊर्जा से भी बचाती है. वहीं पायल का झुनझुन सा मधुर संगीत महिलाओं के अंदर एक देवीय शक्ति उत्पन्न कर देता है जो उन्हें हर तरह की नकारात्मक शक्ति से दूर रखती है. एक पायल सिर्फ नारी की सुंदरता को ही नहीं बढ़ाती, बल्कि वह उसके आसपास एक रक्षात्मक कवच का काम करती है जो उसे नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है. तो चलिए जानते है हीरा पहनने का सही तरीका ज्वैलरी का अनदेखा सत्य की किताब के जरिए जो महेश अरोड़ा, अरोड़ा सन्स द्वारा लिखी गई है.
हिंदू मान्यताओं के अनुसार अगर आप सोने को पैर में पहनते हैं तो यह उत्तम नहीं माना जाता क्योंकि यह बहुत पवित्र माना जाता है. इसीलिए इस बात का ध्यान रखे कि सोने को पैरों में नहीं पहना जाता है. इसीलिए पैरों में चांदी की पायल पहनी जाती है.
- जिन महिलाओं के पैरों में सूजन रहती है उन्हें चांदी की पायल जरूर पहननी चाहिए. यह खून के बहाव को बढ़ा देती है. जिसमें सूजन से कुदरती रूप से राहत मिलती है.
- चांदी की पायल महिलाओं में प्रतिरोधी तंत्र को मजबूती प्रदान करती है. यह लिम्फ ग्रंथि को मनुष्य के शरीर में अधिक सक्रिय कर देती है.
- महिलाओं के प्रसूति और गर्भावस्था से जुड़े स्वास्थ्य के मुद्दे जैसे हारमोन का असंतुलन, महामारी, नपुंसकता आदि चांदी की पायल पहनने से कुछ हद तक दूर हो जाती है.
- चांदी की पायल पहनने से यह पैरों में होने वाली सूजन को रोकती है. इसे पहनने के बाद महिलाएं ऊर्जावान महसूस करती हैं.
- पायल शरीर से निकलने वाली ऊर्जा को बचाती हैं. वास्तु अनुसार झुनझुन का संगीत महिलाओं को किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखता है.
- पायल और पैर के बीच होने वाले घर्षण की वजह से पैर की हड्डियां मजबूत होती हैं. बढ़ते हुए पेट को भी कम करने में सहायक है. पेट के निचले भाग को पायल की वजह से काफी फायदा होता है.
- पायल दिमाग को ठंडा रखती है. यह महिलाओं की आत्मशक्ति को बढ़ा देती है.
नहीं पहननी चाहिए सोने की पायल
हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु सोने के बहुत ही शौकीन हैं. इसके साथ ही माता लक्ष्मी का मनपसंद रंग भी पीला है जो सोने का भी रंग है. इसलिए सोना भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से जोड़कर देखा जाता है. जिसके वजह से हम दोनों को सम्मान देने के लिए कभी भी सोने की चीजे पेट से निचले भाग में नहीं पहनते है. पेट से ऊपरी भाग या धार में सोना पहनने से ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं. यदि हम सोने की पायल को पैरों में पहनते हैं तो यह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के अपमान का सूचक है. इसलिए सोने को पैरों में नहीं पहना जाता है. सोने के अलावा किसी अन्य धातु को हम पैर में पहन सकते हैं.