जय प्रकाश नारायण यूनिवर्सिटी सारण से जय प्रकाश नारायण के ही विचार को हटा दिया गया है. पोस्ट ग्रेजुएट के सिलेबस में जो जय प्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया के विचार को पढ़ाया जाता था.
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Patna: जय प्रकाश नारायण यूनिवर्सिटी सारण से जय प्रकाश नारायण के ही विचार को हटा दिया गया है. पोस्ट ग्रेजुएट के सिलेबस में जो जय प्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया के विचार को पढ़ाया जाता था. अब उसे सिलेबस से ही हटा दिया गया. यूनिवर्सिटी के सिलेबस में हुए इस बदलाव का असर बिहार की राजनीति में हुआ है. जिसको लेकर लालू यादव ने मोर्चा खोल दिया है.
ट्विटर पर पर साधा निशाना
लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट पर लिखा, 'मैंने जयप्रकाश नारायण के नाम पर अपनी कर्मभूमि छपरा में 30 वर्ष पूर्व जेपी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. अब उसी यूनिवर्सिटी के सिलेबस से संघी बिहार सरकार तथा संघी मानसिकता के पदाधिकारी महान समाजवादी नेताओं जेपी-लोहिया के विचार हटा रहे हैं. यह बर्दाश्त से बाहर है. सरकार तुरंत संज्ञान लें.'
सरकार ने किया तलब
लालू यादव की आलोचना किए जाने के बाद जाकर राज्य सरकार की नींद खुली. सरकार ने आनन-फानन में विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार को तलब किया. शिक्षा मंत्री ने सीधे उनसे बात की और फिर गुरुवार को शाम 4 बजे मीडिया से मुखातिब हुए.
मीडिया से बात करते शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जय प्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया के विचारों के बिना भारतीय दर्शन अधूरा है. भारतीय दर्शन के लिए समाजवाद और साम्यवाद जरूरी है. जेपी की घटना को देखते हुए दूसरे विश्वविद्यालय को निर्देश दिया गया है. अगर हालिया दिनों में अगर सिलेबस में कुछ भी संशोधन हुआ है. तो यूनिवर्सिटी को जानकारी देनी होगी और रही बात जेपी यूनिवर्सिटी की तो, उसका समाधान होगा.
इस मामले को लेकर रजिस्ट्रार डॉ. आरपी बबलू कहते हैं कि सिर्फ जेपी और लोहिया के ही थॉट्स नहीं हटाए गए हैं बल्कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के पोस्ट ग्रेजुएशन के सिलेबस से जय प्रकाश नारायण के विचारों के साथ राम मनोहर लोहिया, दयानंद सरस्वती, राजा राम मोहन राय, बाल गंगाधर तिलक, एमएन राय जैसे महापुरुषों के विचार भी अब सिलेबस में छात्र नहीं पढ़ पाएंगे.
(इनपुट: छपरा से राकेश, पटना से प्रीतम)